पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर अक्सर मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगते रहे हैं. अब खुद मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने सामने आकर इसकी तस्दीक की है तथा अपने समुदाय के अपराधियों के खिलाफ कार्यवाई की मांग की है. मुस्लिम समुदाय के 46 प्रतिष्ठित लोगों ने इसे लेकर सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखा है.
अंग्रेजी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़ मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने अपने पत्र में पिछले सोमवार को एनआरएस मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों पर हुए हमले के अलावा इस सोमवार को पूर्व मिस इंडिया और मॉडल उशोषी सेनगुप्ता और उनके कैब ड्राइवर से मारपीट के मामले का जिक्र किया है. बुद्धिजीवियों ने इन मामलों को लेकर ममता सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
इसलिए न बच जाएं कि मुस्लिम हैं
46 मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के लिए अपने ख़त में लिखा, “हमलावर हमारे समुदाय के थे. हम इससे दुखी और शर्मिंदा हैं. हमलावरों पर सिर्फ इन दो मामलों में ही नहीं बल्कि ऐसे हर मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए, जिसमें कोई मुस्लिम शामिल हो. वे केवल इसलिए नहीं बच जाने चाहिए कि वे मुस्लिम हैं (ऐसी धारणा बढ़ रही है), इससे समाज के बीच संदेश जाएगा कि किसी एक समुदाय के लोगों का बचाव और तुष्टीकरण नहीं किया जा रहा है (ज्यादातर लोग मानते हैं)”.
इसके साथ ही मुस्लिम समाज के प्रतिष्ठित नागरिकों ने ममता सरकार से अपील की है कि कोलकता के इलाकों में मुस्लिम युवाओं और उनके परिवारों के बीच लैंगिक संवेदनशीलता, नागरिक चेतना और कानून का पालन करने के लिए अभियान चलाते हुए उनसे जुड़ा जाए. इसके साथ ही उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाना चाहिए. खत में कहा गया है, ‘ऐसा करने के लिए लंबे धैर्य की जरूरत है लेकिन इसे फौरन लागू किया जाना चाहिए.’
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