सातवे वेतन पर जारी घमासान ने आज नया मोड़ ले लिया है. मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की सातवे वेतन की मांगों को मानते हुए कई फैसले लिए है. ख़बरों के अनुसार, 7th CPC के तहत सरकार 1 करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी की है. सरकार ने साफ किया है कि इस कदम से सरकारी कर्मचारियों की जीवनशैली में सुधार होगा साथ ही उनकी सरकार से नाराजगी ख़त्म होगी.
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गौरतलब है कि, 7th CPC के तहत एक नए सातवां वेतन आयोग पे मैट्रिक्स को मंजूरी दी गई थी, जो बहुत ही सरल और पारदर्शी रखा गया. अब कर्मचारियों के लिए जरुरी है कि, उनका सातवां वेतन कितना है. ख़बरों के अनुसार वर्तमान में सेवारत कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग के तहत 16 प्रतिशत वेतन बढ़ाया गया वहीं पेंशनभोगियों के लिए ये 23.63 प्रतिशत बढ़ा है. साथ ही सातवें वेतन आयोग के तहत ही भत्ते में भी बदलाव किए गए हैं. किए गए नए बदलाव हाउस रेंट अलाउंस, महंगाई भत्ता और ट्रैवलिंग अलाउंस में किए गए हैं. गौरतलब है कि, इन भत्तों पर लगाए गए कुछ टैक्स भी कम कर दिए गए हैं. आईटीआर के लिए दावे या दाखिल करने में सतर्क रहना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है.
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मकान भत्ते में हुए बदलाव
मकान भत्ते के लिए, मकान किराया भत्ता X, Y, Z शहरों के लिए 24 प्रतिशत, 16 प्रतिशत और 8 प्रतिशत तय किया गया है. X, Y, Z शहरों के लिए ये भत्ता 5400 रुपये, 3600 रुपये और 1800 रुपये से कम नहीं होना चाहिए. पहले यह न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये का 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत था. साथ ही कहा गया है कि जब महंगाई भत्ता 25 प्रतिशत और 50 प्रतिशत पहुंच जाएगा तब मकान किराया भत्ता में फिर बदलाव किए जाएंगे क्योंकि पहले बदलाव तब किए गए थे जब महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत और 100 प्रतिशत तक पहुंचा था.
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मकान किराये भत्ते में सभी राशि पर टैक्स छूट नहीं है. विशेष रूप से मकान किराया भत्ता आपके मूल वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है. ये मूल वेतन का 50 प्रतिशत मेट्रो शहरों में रहने वालों के लिए और 40 प्रतिशत गैर-मेट्रो क्षेत्रों में रहने वालों के लिए होता है. आप टैक्स लाभ के रूप में कम से कम राशि का दावा कर सकते हैं.
गौरतलब है कि, पिछले साल सरकार ने महंगाई भत्ते को पिछले 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया था. बता दें कि सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों दोनों को ही महंगाई भत्ते पर टैक्स देना होता है. कर्मचारियों को दिया जाने वाला ये महंगाई भत्ता वेतन के साथ पूरी तरह से टैक्स योग्य है. साथ ही आयकर अधिनियम यह भी सिफारिश करता है कि वेतन के साथ महंगाई भत्ते को रिटर्न में घोषित किया जाना चाहिए.
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