7th Pay Commission: खत्म हुआ इंतजार, इन कर्मचारियों का बढ़ेगा 200 प्रतिशत वेतन

लोकसभा चुनाव से पहले सरकार एक के बाद एक बड़े ऐलान कर रही है, ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर यह है कि कर्मचारी यूनियनों की लंबे समय से लंबित मांग को स्वीकार किया जा रहा है. इस खबर से भारती रेलवे के हजारों कर्मचारियों के चेहरे खिल जाएंगे. ख़बरों के अनुसार भारतीय रेलवे ने अपने गार्ड, लोको पायलट और सहायक लोको पायलट के रनिंग अलाउंस को दोगुना करने का फैसला किया है.


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अधिकारियों के अनुसार, इस कदम से भत्ते का वार्षिक वित्तीय बोझ 1,225 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा और ऑपरेटिंग रेशो 2.5 प्रतिशत बढ़ेगा. नवंबर 2018 में राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर का रिकॉर्ड ऑपरेटिंग रेशो 117.05 प्रतिशत था. जिसका मतलब है कि प्रत्येक 100 रुपये बनाने के लिए 117.05 रुपये खर्च किए जाते थे. इससे रेलवे के वित्तीय स्वास्थ्य का भी पता चलता है. अभी तक एक ट्रेन के आने जाने में मदद करने वाले रनिंग स्टाफ यानि लोको ड्राइवर, सहायक लोको ड्राइवर और गार्ड को लगभग 255 रुपये प्रति 100 किलोमीटर के हिसाब से भत्ता दिया जाता है जिसे अब संशोधित करके लगभग 520 रुपये किया जा रहा है.


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में भत्ते का वार्षिक वित्तीय बोझ 1,150 करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 2,375 करोड़ रुपये हो जाएगा. संशोधित दरों को अब मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय भेजा जाएगा. रनिंग स्टाफ पिछले चार सालों से इस वृद्धि की मांग कर रहा था. हालांकि अन्य कर्मचारियों के लिए 1 जुलाई 2017 को भत्ते में वृद्धि की गई थी लेकिन रनिंग स्टाफ के लिए ये लंबित था. ये रेलवे की ओर से अपने कर्मचारियों के लिए एक नए साल का उपहार है. हालांकि ये रेलवे पर एक बहुत बड़ा बोझ होगा क्योंकि इससे ऑपरेटिंग रेशो में लगभग 2.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी.


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अदा करेगी 4,500 करोड़ रुपये की बकाया राशि


रेलवे 1 जुलाई 2017 से दिसंबर 2018 तक के लिए लगभग 4,500 करोड़ रुपये का बकाया भी अदा करेगा. वर्तमान में रेलवे अपने कर्मचारियों को 178 प्रकार के भत्तों का भुगतान करता है जिसमें लाभ भत्ता, रात्रि शुल्क भत्ता, प्रशिक्षण भत्ता, परिवहन भत्ता, डॉक्टरों को भत्ता, वर्दी भत्ता, छुट्टियों के बदले मुआवजा और खराब जलवायु भत्ता शामिल है.


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