प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केंद्र सरकार के आयुष्मान भारत बीमा योजना का शुभारंभ करेंगे. आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकार का देश के 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पांच लाख रुपए प्रति परिवार स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा मुहैया कराने का लक्ष्य है. धानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के लाभार्थियों में से 8.03 करोड़ परिवार ग्रामीण इलाकों से और 2.33 करोड़ परिवार शहरी इलाकों से होंगे.
इसके लिए नेशनल हेल्थ एजेंसी ने नेशनल हेल्थ इंसोरेंस के तहत आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना की वेबसाइट आैर हेल्पलाइन को लांच कर दिया है. एेसे में अपना आयुष्मान योजना के लाभार्थी है या नहीं. यह आप इस एनएचए द्वारा शुरू की वेबसाइट पर देख सकते है. साथ ही इससे संबंधित मदद के हेल्पलाइन पर भी बात कर सकते है। साथ ही अस्पतालाें में आयुष्मान मित्र से भी मदद ले सकते है. आइए, सबसे पहले जानते हैं इस स्कीम से किनको मिलेगा फायदा
कौन होंगे हकदार?
- 10.74 करोड़ परिवार इसके हकदार होंगे.
- जिनकी भी पहचान गरीब और वंचितों के तौर पर हुई है.
- सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना(SECC), 2011 के आंकड़ों का इस्तेमाल होगा.
- परिवार के आकार या उम्र को लेकर कोई सीमा तय नहीं की गई है.
- पहले से चली आ रही बीमारियों को भी इसमें कवर दिया जाएगा.
- ऐडमिट होने से पहले और बाद के खर्च भी दायरे में आएंगे. ट्रांसपोर्टेशन अलाउंस भी.
- लगभग सभी मेडिकल प्रोसीजर इसके तहत कवर होंगे.
- कवर से बाहर की निगेटिव लिस्ट छोटी होगी.
SECC के आंकड़ों के हिसाब से ग्रामीण इलाके की आबादी में D1, D2, D3, D4, D5 और D7 कैटिगरी के लोग आयुष्मान भारत योजना (ABY) में शामिल किए जाएंगे. शहरी इलाके में 11 पूर्व निर्धारित पेशे/कामकाज के हिसाब से लोग इसमें शामिल हो सकेंगे. शहरी इलाके में भिखारी, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामकाज करने वाले, रेहड़ी-पटरी दुकानदार, मोची, फेरी वाले, सड़क पर कामकाज करने वाले अन्य व्यक्ति, कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले मजदूर, प्लंबर, राजमिस्त्री, मजदूर, पेंटर, वेल्डर, सिक्यॉरिटी गार्ड्स, कुली और भार ढोने वाले अन्य कामकाजी व्यक्ति इसमें शामिल किए गए हैं.
लाभार्थी सूची में ऐसे जांचें अपना नाम
NHA द्वारा लॉन्च वेबसाइट और हेल्पलाइन की मदद से आप यह जान सकते हैं कि आपका नाम इसके लाभार्थियों की सूची में है या नहीं. वेबसाइट mera.pmjay.gov.in पर जाकर या हेल्पलाइन (14555) पर कॉल करके आप यह पता लगा सकते हैं कि योजना का लाभ आपको मिल सकता है या नहीं.
अपने मोबाइल नंबर या राशन कार्ड की मदद से कोई भी यह जांच सकता है कि वह योग्य लाभार्थियों की सूची में है या नहीं. ओटीपी से वेरीफिकेशन के बाद ऑनलाइन KYC (नो योर कस्टमर) पूरा करना होगा. इसमें कोई मानवीय दखल नहीं है. हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके भी यह जान सकते हैं कि आप बीमा पाने के हकदार हैं या नहीं.
कहां से हो रही आयुष्मान भारत की फंडिंग?
इसके लिए केंद्र और सभी राज्य मिलकर फंडिंग करेंगे. केंद्र और राज्यों की फंडिंग का अनुपात 60:40 का होगा. प्रति परिवार प्रीमियम पर अनुमानित खर्च 1000 रुपये से लेकर 1200 रुपये होगा. 10 करोड़ से ज्यादा परिवार या करीब 50 करोड़ वह आबादी इसके तहत आएगी जिन्हें 2011 के सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना में ‘वंचित’ की श्रेणी में रखा गया है. यह आधार से लिंक्ड एक कैशलेस सुविधा होगी और लाभार्थी देश में कहीं भी पैनल में शामिल किसी भी प्राइवेट या सरकारी अस्पताल में इलाज करा सकेंगे.
36 राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों में 29 शामिल
ताजा जानकारी के मुताबिक 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से अबतक 29 राज्य इस योजना में शामिल हो गए हैं. कुछ राज्यों ने विधानसभा चुनावों को देखते हुए PMJAY को लागू करने में असर्थता जताई है. तेलंगाना, ओडिशा और राजस्थान जैसे राज्य इसमें शामिल हैं. हालांकि ओडिशा का मामला थोड़ा अलग है. ओडिशा का दावा है कि राज्य में चलाई जा रही बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना ज्यादा बेहतर है.
इसी तरह दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने मांग की है कि योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री आम आदमी स्वास्थ्य बीमा योजना- आयुष्मान भारत रखा जाए. केजरीवाल ने कहा कि इसके बाद वह भी इसका हिस्सा बनेंगे.
किस अस्पताल में होगा इलाज?
सभी सरकारी अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना (ABY) के लाभार्थी इलाज करा सकते हैं. इसके साथ ही सरकार के पैनल में शमिल निजी अस्पताल में भी इलाज कराया जा सकेगा. हालांकि, पैनल में शामिल होने के लिए निजी अस्पताल में कम-से-कम 10 बेड और इसे बढ़ाने की क्षमता होनी चाहिए.
अस्पताल में भर्ती की प्रक्रिया
आयुष्मान भारत योजना का लाभार्थी अस्पताल में ऐडमिट होने के लिए कोई चार्ज नहीं चुकाएगा. अस्पताल में दाखिल होने से लेकर इलाज तक का सारा खर्च इस योजना में कवर किया जाएगा. अस्पताल में दाखिल होने से पहले और बाद के खर्च भी कवर किए जाएंगे. पैनल में शामिल हर अस्पताल में एक आयुष्मान मित्र होगा और वह सुविधाएं दिलाने में मरीज की मदद करेगा. अस्पताल में एक हेल्प डेस्क भी होगा, जो दस्तावेज चेक करने, स्कीम में नामांकन के लिए वेरिफिकेशन में मदद करेगा.
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