सेवा शर्तों व अन्य समस्याओं को लेकर अदालतों का चक्कर लगा रहे हैं राज्य कर्मियों के लिए या राहत भरी खबर है. उनके विवादों का निपटारा अब फॉर्म के जरिए होगा. इसके लिए विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है. इसमें राज्य कर्मियों के संगठन के पदाधिकारी भी शामिल है. वित्त मंत्री ने 15 दिन के भीतर सभी विभागों से विवादों का ब्योरा मांगा है.
Also Read: कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, पेंशन दोगुनी कर सकती है मोदी सरकार
गौरतलब है कि प्रदेश में कर्मचारियों की सेवा संबंधी मामले बड़ी संख्या में अदालतों में विचाराधीन है. सरकार ने इसके निस्तारण की पहल की है. इस क्रम में बुधवार को विधि मंत्री बृजेश पाठक की अध्यक्षता में न्याय विभाग के शिव बरन सिंह यादव व संगठन मंत्री संजीव गुप्ता शामिल रहे. इसमें तय किया गया कि सभी विभागों के प्रमुख सचिव सचिवों से ऐसे विभागीय विवादों की सूची प्राप्त कर उनकी समीक्षा की जाए और जल्द से जल्द उनका समाधान किया जाए.
Also Read: रेलमंत्री पीयूष गोयल ने किया रेलवे में बंपर भर्ती का ऐलान, 4 लाख पदों पर होगी भर्ती
क़ानून मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि ऐसे विवादों के समाधान के लिए 2015 में प्रदेश में 4 फोरमों का गठन किया गया था लेकिन इनकी निष्क्रियता से मुकदमें बढ़ते चले गए. इससे जहां भारी धनराशि का होता रहा वहीं, पैरवी करने वाले कर्मचारी व अधिकारी का अनावश्यक रूप से समय बर्बाद हुआ. कर्मचारी और उसके परिवार को परेशानी का सामना अलग से करना पड़ा. जबकि शासन और कर्मचारी के मध्य परस्पर वार्ता से विवाद का समाधान किया जा सकता था.
Also Read: लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ला सकती है सस्ते लोन, पेंशन और मुफ्त दुर्घटना बीमा जैसी कई योजनाएं
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमेंफेसबुकपर ज्वॉइन करें, आप हमेंट्विटरपर भी फॉलो कर सकते हैं. )