गौरतलब है कि 1 फरवरी 2018 को दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत की घोषणा हुई थी और 2018 के ही सिंतबर महीने में आयुष्मान भारत योजना लागू हुई . शुक्रवार को इसकी पहली सालगिरह पर पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने अंतरिम बजट के जरिए एक और उपहार देश को दिया है. स्वास्थ्य बजट में करीब ढ़ाई गुना बढ़ोत्तरी करते हुए आयुष्मान भारत को 2400 से बढ़ाकर 6400 करोड़ रुपये देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. देश के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब स्वास्थ्य की झोली में 61 हजार करोड़ रुपये का बजट आएगा. ऐसा इसलिए भी क्योंकि वर्ष 2018-19 में स्वास्थ्य के लिए 52800 करोड़ रुपये के बजट में 54302 करोड़ रुपये खर्च किए थे. इससे जाहिर है कि वर्ष 2019-20 के इस बजट के तहत स्वास्थ्य को 61398 करोड़ रुपये का बजट मंजूर होगा. माना जा रहा है कि स्वास्थ्य बजट में बढ़ोत्तरी के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी के उस फैसले की झलक दिख रही है जिसके तहत स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च 2025 तक सकल घरेलू उत्पाद के 1.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य है.
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सुविधाओं के लिए साढ़े 500 करोड़ रुपये का बजट तय
मोदी सरकार ने जहां स्वास्थ्य क्षेत्र में 61398 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है. वहीं आयुष पर 1739 और स्वास्थ्य शोधों पर 1900 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है. इसके अलावा राज्यों को मिलने वाली सहायता राशि में 2 हजार करोड़ की बढ़ोत्तरी की है. केंद्र की ओर से राज्यों को स्वास्थ्य क्षेत्र में 28322 करोड़ रुपये की मदद मिल सकती है. इतना ही नहीं, देश में सालाना मौतों में 61 प्रतिशत की भागेदारी रखने वाली कार्डियोवास्कुलर बीमारियों के साथ ट्रामा केयर, मनोरोग, कैंसर, मधुमेह, स्ट्रोक, टेलीमेडिसिन और टर्सरी सुविधाओं के लिए करीब साढ़े 500 करोड़ रुपये का बजट तय किया है.
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देश भर में बनेंगी लैब, निजी अस्पतालों को जल्द मिलेगा आयुष्मान
केंद्र ने देश भर में लैब स्थापित कर मच्छर जनित एवं संक्रामक बीमारियों की समय पर जांच के लिए 160 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी है. हालांकि आयुष मंत्रालय के बजट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्यों को मिलने वाली सहायता में बदलाव नहीं किया है. जबकि आयुर्वेद अनुसंधान पर 292 करोड़ रुपये खर्च किए जा सकते हैं. आयुष्मान भारत पर 6400 करोड़ रुपये खर्च की योजना में सालाना 5 लाख रुपये का बीमा देने वाली इस योजना के तहत 1300 पैकेज के उपचार की कीमतों में वृद्धि हो सकती है. बताया जा रहा है कि अभी तक निजी अस्पतालों को मिल रही पैकेज की कीमतें केंद्र सरकार के सीजीएचएस सेवाओं से भी 50 प्रतिशत कम हैं. वहीं अन्य राज्यों में संचालित स्वास्थ्य योजनाओं से भी कई गुना कम दाम आयुष्मान भारत में मिल रहे हैं. इसी माह होने वाली बैठक में इस पर अंतिम फैसला भी लिया जाना है. चूंकि लंबे समय से निजी अस्पतालों की शिकायत है कि आयुष्मान भारत के तहत उन्हें उपचार के लिए मिलने वाली राशि बेहद कम है. इसलिए सरकार अब सरकारी दरों से ज्यादा उपचार का भुगतान कर सकती है. ताकि मैक्स, अपोलो, फोर्टिस, वुकहार्ट, जैसे बड़े अस्पताल भी इसके दायरे में आ सकें.
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