मोदी के चूल्हे से सेहतमंद हुईं सांसें, रोगियों पर हुए रिसर्च में बड़ा खुलासा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीब, वंचित, पिछड़ों के जीवन में खुशियां लाने के लिए शुरू की गयी प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) अब सांस को सेहतमंद होने करने लग गयी है. इंडियन चेस्ट सोसाइटी, चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन और फेफड़ा रोग विशेषज्ञों की टीम द्वारा की गयी पड़ताल में यह बात सामने निकलकर आई है. यह पड़ताल वर्ष 2016 में 2.05 लाख मरीजों पर 2 तक की गयी जिसके बाद यह नतीजा निकलकर आया.


हिंदी समाचारपत्र दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक़ चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक व इंडियन चेस्ट सोसाइटी के उपाध्यक्ष डॉ. संदीप साल्वी के मुताबिक वर्ष 2016 में 880 शहर व कस्बों में 13,500 डॉक्टरों ने ओपीडी में आए 2.05 लाख रोगियों के मर्ज के आधार पर वर्गीकरण किया था. इस बीच, 9 मई 2016 को उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojna) लागू हुई तो इन्हीं रोगियों का क्षेत्रवार व एलपीजी प्रयोग के आधार पर विश्लेषण किया गया. जहां एलपीजी का प्रयोग कम है, वहां श्वांस रोगी ढाई गुना अधिक मिले.


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लकड़ी, कोयला, कंडा आदि का प्रयोग करने वाले घरों में महिलाएं व 18 वर्ष से छोटे बच्चे (खासकर पांच साल से कम) कार्बन के ऑक्साइड और पर्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5 व पीएम 10) समेत अन्य हानिकारक गैसों की चपेट में पाए गए. उनके फेफड़े और सांस की नली कमजोर मिली. 18 साल से कम उम्र के 36,476 बच्चे व किशोर भी श्वांस रोगी पाए गए.


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जहां उज्जवला, वहां सुधरी सांसें

सोसाइटी के अध्यक्ष व मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर चौधरी के मुताबिक, महिलाओं व बच्चों की काउंसिलिंग के आधार पर रिपोर्ट बनाई गई है. कुकिंग गैस का प्रयोग करने वाले घरों में महिलाओं व बच्चों में सांस रोग घटा है. यहां नए श्वांस रोगी नहीं मिले हैं.


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गौरतलब है कि साल 2016 में उत्तर प्रदेश से इस योजना की शुरूआत की गई थी. इसकी वजह से ही हाल ही में हुए लोक सभा चुनाव में भाजपा- एनडीए सरकार को ग्रामीण महिलाओं के वोट काफी मात्रा में मिले और पार्टी ने जीत का रास्ता तय किया. इस योजना के तहत 1,600 रुपए के सपोर्ट के साथ गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाले परिवारों को गैस कनेक्शन दिए जाते हैं. एलपीजी कनेक्शन परिवार की महिला सदस्य के नाम पर दिया जाता है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस योजना के तहत लक्षित आठ करोड़ कनेक्शन नई सरकार पहले 100 दिनों में देगी.


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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को 7 जून, 2019 तक 7 करोड़ 17 लाख मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं. सात करोड़वां कनेक्शन को इस योजना के लागू होने के महज 34 महीनों के अंदर ही जारी कर दिया गया, जो कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की एक शानदार उपलब्धि है. प्रत्येक दिन लगभग 69,000 कनेक्शन जारी किए जा रहे हैं. देश में एलपीजी के विस्तार में भारी उछाल आया है और यह 2014 में 55 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 93 प्रतिशत हो गया है. कुल लाभार्थियों में से 42 प्रतिशत एससी/ एसटी वर्ग के हैं. हाल के आंकड़ों के अनुसार, 82 प्रतिशत पीएमयूवाई लाभार्थी अपने सिलेंडर को रिफिलिंग करवाने जा रहे हैं और प्रति लाभार्थी औसत रिफिलिंग लगभग 6.5 सिलेंडर है.


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