सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में सरकार द्वारा क्वालिटी एजुकेशन को आधार बना कर परीक्षा के बाद नए क्वालिफाइंग मार्क्स तय करने के आदेश को रद करने वाले एकल पीठ के फैसले को राज्य सरकार द्वारा विशेष अपील याचिका के जरिए चुनौती देते हुए अंतरिम राहत दिए जाने की अर्जी पर बुधवार को बहस हुई.
इस मामले में पक्षकार याचियों के अधिवक्ता अमित सिंह भदौरिया ने बताया कि न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल व न्यायमूर्ति रजनीश कुमार ने दोनों पक्षों की दलीलें सुने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया. राज्य सरकार की तरफ से इस मामले में महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह पेश हुए.
सहायक शिक्षकों के पदों पर भर्ती के इस मामले में हाईकोर्ट लखनऊ की एकल पीठ 29 मार्च 2019 को अहम फैसला सुनाते हुए सरकार द्वारा क्वालिटी एजुकेशन को आधार बना कर परीक्षा के बाद नए क्वालिफाइंग मार्क्स तय करने के आदेश को रद कर दिया था. अदालत ने पुराने क्वालिफाइंग मार्क्स पर परीक्षा के नतीजों को तीन माह में जारी करने के आदेश दिए थे.
बता दें कि योगी सरकार ने 1 दिसम्बर 2018 को प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रकिया प्रारम्भ की थी. इसके लिए 6 जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा हुई. बाद में 7 जनवरी को सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए 65 व ओबीसी के लिए 60 प्रतिशत क्वालिफाइंग मार्क्स तय कर दिए थे. सरकार के इसी निर्णय को याचियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी.
याचियों का तर्क है कि एक बार लिखित परीक्षा होने के बाद क्वालिफाइंग मार्क्स तय करना विधि विरुद्ध है. वहीं सरकार की दलील है कि वह मेरिट से समझौता नहीं कर सकती. सरकार का कहना है कि उसकी मंशा क्वालिटी एजुकेशन देने की है और उसके लिए अच्छे अध्यापकों की आवश्यकता है.
इसके बाद हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा -2019 के सम्बंध में 7 जनवरी 2019 का शासनादेश निरस्त कर दिया. और हाईकोर्ट ने कहा कि, 2018 के 68500 शिक्षकों की भर्ती में तय कट आफ मार्क्स के अधार पर सरकार तीन महिने में नतीजे जारी करे. उक्त शासनादेश के द्वारा जनरल व रिजर्व कैटेगरी के लिए क्रमशः 65 व 60 प्रतिशत क्वालिफाइंग मार्क्स घोषित किया गया था.
हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने मोहम्मद रिजवान व अन्य समेत दर्जनों याचिकाओं को मंजूर करते हुए कहा कि पिछले सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा की भांति क्वालिफाइंग मार्क्स तय करते हुए रिजल्ट तीन महीने में घोषित करें. मालूम हो कि 2018 भर्ती परीक्षा में 40 से 45 प्रतिशत क्वालिफाइंग मार्क्स था.
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