कोरोना महामारी (Corona Virus) ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, लेकिन इनमें भी अगर किसी को सबसे अधिक चोट पहुंचाई है तो वो हैं प्रवासी मजदूर और कामगार, किसी का काम छिन गया तो किसी का किराए का मकान. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath) ने मजदूरों को तमाम तरह की रियायत देकर उन्हें इस महामारी के संकट से उबारने का काम किया है. इसी बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रवासी मजदूरों को एक और बड़ा तोहफा दिया है.
आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक में प्रदेश के विभिन्न शहरों में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत बने छोटे फ्लैट को प्रवासी मजदूरों और गरीबों को किराये पर दिए जाने का फैसला लिया गया है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य सरकार राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर ए ब्लॉक कंवेंशन सेंटर के पीछे व मुंशीपुलिया सेक्टर- 17 सब्ज़ी मंडी पर प्रवासी मजदूरों को किराये पर देने के लिए 40 मकान व 8 कार्मिशियल दुकानें बनाने जा रही है. प्रमुख सचिव आवास विकास दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई परिषद की बोर्ड बैठक के बाद आवास आयुक्त अजय चौहान ने यह जानकारी दी.
आवास आयुक्त अजय चौहान ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में सरकार के आर्थिक सहयोग से बने छोटे फ्लैट/आवास किराये पर दिए जाएंगे. पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरुआत राजधानी लखनऊ से होगी, जहां 40 मकान व 8 कार्मिशियल दुकानें बनेंगी. ये फ्लैट 1BHK मानक के तहत बनेंगे, जिसका किराया 4000 रुपए होगा. आवास आयुक्त के मुताबिक दो साल तक किराए में भी कोई बढ़ोतरी नहीं होगी. वहीं हर दो साल पर 8 फीसदी की दर से किराया बढ़ाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि आवास में लिफ्ट, 24 घंटे बिजली पानी ,चौकीदार जैसी अन्य सभी प्रकार की सुविधा होगी. साथ ही आवास विकास द्वारा अपने खर्च पर मकानों की देखभाल व सुरक्षा की भी व्यवस्था करेगी. बता दें कि योगी सरकार अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत प्रदेश के विभिन्न शहरों में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत बने छोटे फ्लैट को प्रवासी मजदूरों और गरीबों को किराए पर देगी.
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