सरकारी फिजूलखर्ची पर योगी की कैंची, निजी होटलों में नहीं होंगे सरकारी आयोजन

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तय किया है कि अब किसी भी तरह का सरकारी सम्मेलन या फिर बैठक निजी होटल में नहीं आयोजित की जाएगी। यहां तक कि फाइव स्टार होटलों में सरकारी भोज का आयोजन भी नहीं किया जाएगा। ऐसे आयोजनों के लिए सरकारी भवन या परिसर का इस्तेमाल किया जाएगा। लेकिन विशेष परिस्थितियों में मुख्य सचिव के आदेश पर ऐसा किया जा सकेगा।

 

सरकारी काम के लिए किए जाने वाले सफर पर भी असर

मिली जानकारी के मुताबिक, योगी सरकार ने सरकारी काम से की जाने वाली यात्राओं को न्यूनतम रखने की हिदायत दी गई है। लेकिन खास परिस्थितियों को छोड़कर सरकारी कर्मचारी शासन के काम के लिए इकोनॉमी क्लास में ही हवाई सफर करेंगे। इतना ही नहीं, नए साल और अन्य अवसरों पर सरकारी खर्चे पर बधाई संदेश भेजना, कैलेंडर, डायरी और पर्सनल लेटर छपवाकर उन्हें बांटने को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

 

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यूपी की योगी सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में सरकारी फिजूलखर्ची रोकने, प्रशासनिक खर्च में मितव्ययता लाने और संसाधनों का विकास करने के लिए अधिकतम इस्तेमाल करने के उद्देश्य से यह फैसला किया है। इसके लिए मुख्य सचिव ने मंगलवार को सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए हैं। यह निर्देश सार्वजनिक उपक्रमो, स्थानीय निकायों, स्वायत्तशासी संस्थाओं और राज्य विश्वविद्यालयों पर भी लागू होंगे।

 

खत्म होंगी अनुपयोगी योजनाएं

मुख्य सचिव ने राज्य की योजनाओं की नियमित समीक्षा करने और जो उपयोगी नहीं हैं, उन्हें बंद करने पर विचार करने के लिए कहा है। साथ ही केंद्र और राज्य की योजनाओं के संचालन के लिए जिम्मेदार कार्मिकों को अनमन्य दरों के अनुसार ही टीए, डीए, एचआरए, सीसीए, एलटीसी, चिकित्सा प्रतिपूर्ति का भुगतान करने के लिए कहा है।

 

प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात का कड़ाई से पालन करने और सरप्लस अध्यापकों को शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में तैनात करने का भी निर्देश दिया गया है।

 

नहीं खरीदे जाएंगे नए वाहन

सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा की जरूरतों को छोड़कर नए वाहन खरीदने से भी मना किया गया है। विभाग में पहले से ही मौजूद वाहन निष्प्रयोज्य हो रहे, उनकी जगह नए वाहन नहीं खरीदने और यह काम आउटसोर्सिंग से कराने का निर्देश दिया गया है।

 

अगर सरकारी काम के लिए अनुबंध पर टैक्सी ली जानी हैं तो प्रशासकीय विभाग को इसके लिए पहले वित्त विभाग से सहमति लेनी पड़ेगी। सूत्रों का कहना है कि सिर्फ पंजीकृत टैक्सी वाहन ही अनुबंध पर लिए जा सकेंगे, निजी वाहन नहीं।

 

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