कश्मीरी पंडितों का जिक्र कर भावुक हुईं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, बोलीं- वो यूं ही सबकुछ छोड़कर नहीं आए, महिलाओं को किया गया था प्रताड़ित

आगरा (Agra) जनपद के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का 87वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को खंदारी परिसर में हुआ। समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में परमार्थ निकेतन आश्रम उत्तराखंड के स्वामी चिदानंद सरस्वती शामिल हुए। दीक्षांत समारोह को संबोधित करने के दौरान राज्यपाल ने कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) पर हुए जुल्म का जिक्र किया। इस दौरान वह भावुक भी नजर आईं।

अपने संबोधन में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कश्मीर से पंडित अपना सबकुछ छोड़कर यूं ही नहीं आए थे। वहां महिलाओं को प्रताड़ित किया गया था। 1991 में आतंकवादियों ने चुनौती दी थी कि लालचौक पर आकर झंडा लहराओ। तब एकता यात्रा लाल चौक पर पहुंची। 43 दिन कन्याकुमारी से कश्मीर पहुंच कर एकता यात्रा में शामिल मैंने भी झंडा लहराया था।

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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय में जिन इमारतों का भी लोकार्पण किया गया है उसकी एक महीने में रिपोर्ट दें। आपको जो जिम्मेदारी दी है, उसका लेखाजोखा बताएं। राजभवन से एक अधिकारी अब विश्वविद्यालय का निरीक्षण करेंगे। हर बिंदु पर रिपोर्ट मुझे सौंपेंगे।

उन्होंने दीक्षांत समारोह में मौजूद लोगों से उन्होंने कहा कि बिजली बचाने पर काम करो। ग्रीन कैंपस पर काम करो। वृक्ष लगाओ। सामाजिक जिम्मेदारी समझो। अन्य लोगों को भी जिम्मेदारी सौंपे। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में हम सुरक्षित हैं। उसके लिए दिए गए बलिदानों को याद करें। सेल्युलर जेल, जलियांवाला बाग में क्या हुआ पढ़ो और जानो।

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