आजाद हिंद फौज के सेनापति नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मौत को लेकर उनके प्रपौत्र सोमनाथ बोस ने एक बार फिर सवाल खड़े कर तत्कालीन जवाहरलाल नेहरु की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं.
उड़ा ही नहीं प्लेन
दैनिक समाचारपत्र अमर उजाला की ख़बर के अनुसार अमर उजाला के अनुसार सोमनाथ बोस ने बताया कि नेताजी की कथित मौत की जांच के लिए बने शाहनवाज कमीशन में जस्टिस शाहनवाज खान के साथ तीन लोगों में मेरे दादा सुरेश चंद्र बोस भी थे. कमीशन ने ताइवान, कोरिया, जापान, सिंगापुर, वियतनाम, बर्मा समेत कई देशों में जांच के बाद रिपोर्ट तैयार की. रिपोर्ट से स्पष्ट है कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान के जिस जहाज की दुर्घटना में नेताजी जी मृत्यु की बात कही जाती है वह प्लेन तो वहां से उड़ा ही नहीं था. यह तारीख ही झूठी है. नेताजी की मौत की जांच के लिए बनाए गए शाहनवाज आयोग ने जो रिपोर्ट बनाई थी वह झूठी थी. 18 अगस्त 1945 को जिस विमान में नेताजी की मौत होना बताया जा रहा है वह उड़ा ही नहीं था. इसका उल्लेख मेरे दादा ने द डिशेंशिएंट नामक किताब में किया है. 2005 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मुखर्जी कमीशन बनाया था उसकी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है.
जवाहरलाल नेहरु पर आरोप
सोमनाथ बोस के अनुसार तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मेरे दादा न्यायाधीश सुरेश चंद्र बोस को भारत में ही बनाई जाली रिपोर्ट पर हामी भरने को कहा था. जब दादा ने ऐसा करने से मना किया तो उन्हें नेहरू ने लालच भी दिया कि ऐसा करने पर आपको सरकार की ओर से सम्मान व सुविधाएं दी जाएंगी.
सोमनाथ बोस ने ऐसी कई बातें बताईं जो अभी तक जनता के सामने नहीं आई है या फिर जिसे दबा कर रखा गया है. फिलहाल सुभाष चंद्र बोस की मौत के 75 साल बाद भी रहस्य बरकरार है.
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