ज्ञानवापी (Gyanvapi Masjid Case) परिसर के एएसआई सर्वे (ASI Survey) का आज दूसरा दिन है, सुबह से ही एएसआई की टीम रेडिएशन तकनीक के जरिए मस्जिद परिसर की जांच कर रही है. इस बीच आज प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद यहां के तहखाने को खोला गया है. शनिवार को ज्ञानवापी के सर्वे के दौरान प्रशासन ने तहखाने को खोलने के लिए कहा, शुरुआत में अंजुमन इंतज़ामिया कमेटी ने तहख़ाने की चाभी नहीं दी लेकिन प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मस्जिद के केयरटेकर एजाज अहमद ने अब से कुछ देर पहले तहख़ाने का ताला खोला गया और फिर सर्वे टीम ने तहखाने में प्रवेश कर लिया है. एएसआई की टीम यहां पर हर एक चीज की बारीकी से जांच कर रही है. ASI सर्वे टीम का मानना है कि तहख़ाने में महत्वपूर्ण तथ्य छुपे हुये हैं.
तहखाने में मूर्ति मिलने का दावा
दूसरे दिन के इस सर्वे में ज्ञानवापी परिसर में मौजूद तहखाने को खोला गया और एएसआई की टीम ने अंदर सर्वे किया. इस दौरान मस्जिद के गुंबद का भी सर्वे किया गया और उसकी तस्वीरें ली गईं. इस बीच ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसके बारे में हिन्दू पक्ष का दावा है कि ये प्राचीन मूर्तियां हैं.
इस केस के हिन्दू पक्षकारों में शामिल सीता साहू ने दावा किया कि ज्ञानवापी परिसर की पश्चिमी दीवार पर आधे पशु आधे मनुष्य की प्रतिमा दिखी. वहीं हिन्दू पक्ष के वकीलों का दावा है कि तहखाने के अंदर 4 फीट की मूर्ति मिली है, जिसपर कुछ कलाकृतियां बनी हुई हैं. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया तहखाने के अंदर कमल त्रिशूल, कलश और मूर्तियों की आकृतियां मिली हैं. इस मूर्ति के कालखंड का पता लगाया जा रहा है.
चार टीमें कर रही हैं सर्वे
ASI ने आज भी सर्वे के लिए चार टीमें बनाई है. दो टीमों ने परिसर की पश्चिमी दीवार की जांच शुरू कर दी है, एक टीम पूर्वी दीवार की जांच कर रही है और एक टीम को उत्तरी दीवार व उससे जुड़े क्षेत्रों में जांच के लिए लगाया गया. इमारत की बाहरी दीवारों के आसपास जीपीआर का उपयोग किया जा रहा है. सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष से 9 लोग और हिंदू पक्ष से 7 लोग ज्ञानवापी में मौजूद हैं. मुस्लिम पक्ष के वकील का ASI पर आरोप है कि ASI ने हमें सर्वे का नोटिस तक नहीं दिया. सर्वे के दौरान आज मुस्लिम पक्ष के लोग भी पहुंचे. इससे पहले शुक्रवार को सर्वे के दौरान मुस्लम पक्ष शामिल नहीं हुआ था.
Also Read: साकार होने को है ताउम्र का सपना, गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों के संघर्ष का साक्षी होगा राम मंदिर
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )