Gyanvapi Case: 31 साल बाद ज्ञानवापी परिसर में पूजा-अर्चना शुरू, सुबह व्यास जी के तहखाने में आरती का सामने आया वीडियो

ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में जिला अदालत के आदेश के बाद बुधवार देर रात पूजा-अर्चना हुई। वहीं, गुरुवार की सुबह यानी आज मंगला आरती भी हुई। तहखाने में 30 साल बाद दीप जले। कोर्ट का आदेश आने के बाद रात में ही तहखाने से बैरिकेडिंग हटा दी गई थीं। इसके बाद सुबह से ही पूजा के लिए लोग जुटने भी लगे हैं। कड़े प्रशासनिक सुरक्षा घेरे में पूजा की शुरुआत हुई।

डीएम ने कहा- कोर्ट के आदेश का हो रहा पालन

दरअसल, व्यासजी के तहखाने में अभी आम श्रद्धालुओं का प्रवेश निषेध है। सिर्फ पुजारी को पूजापाठ के समय आने-जाने दिया जाएगा। व्यासजी के तहखाने में पूजा करने की एक्सक्लूसिव तस्वीर सामने आई है। तस्वीर में पुलिस और प्रशानिक अधिकारी दिखाई दे रहे हैं। मामले में जिलाधिकारी ने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन किया जा रहा है।

Also Read: UP के नए कार्यवाहक DGP बनाए गए धाकड़ IPS प्रशांत कुमार, नाम सुनते ही थर-थर कांपते हैं अपराधी

जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने बुधवार को व्यास परिवार व काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के पुजारी से तहखाने में मौजूद मूर्तियों की पूजा व राग-भोग कराने का आदेश दिया। उन्होंने रिसीवर जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वह सेटलमेंट प्लॉट नंबर 9130 स्थित भवन के दक्षिण में स्थित तहखाने में पुजारी से मूर्तियों की पूजा व राग-भोग कराएं।

रिसीवर को सात दिन में लोहे की बाड़ का उचित प्रबंध कराने के भी निर्देश दिए। मुकदमे की अगली सुनवाई आठ फरवरी को होगी। इस बीच, वादी व प्रतिवादी पक्ष आपत्तियां प्रस्तुत कर सकते हैं। बता दें कि व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी को सुपुर्द करने की मांग और दिसंबर, 1993 से पहले की तरह पूजा-पाठ की अनुमति के लिए बीते साल 25 सितंबर को शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने अदालत में वाद दायर किया था।

वाद में आशंका जताई गई थी कि तहखाने पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी जबरन कब्जा कर सकती है। 17 जनवरी को जिला जज ने जिलाधिकारी को व्यासजी के तहखाने का रिसीवर बनाया था। बुधवार को पूजा की अनुमति देकर दूसरी मांग भी मान ली।

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )