Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर का होगा ASI सर्वे, वाराणसी कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

ज्ञानवापी (Gyanvapi) में वजू स्थल को छोड़कर परिसर के एएसआई सर्वे (ASI Survey) वाली याचिका पर फैसला कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे की इजाजत दे दी है। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट ने एएसआई सर्वे का आदेश दे दिया है।

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मुझे सूचित किया गया है कि मेरा आवेदन मंजूर कर लिया गया है और अदालत ने वज़ू टैंक को छोड़कर, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि 1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में है क्योंकि हमारा कहना है कि 15 अगस्त 1947 को इस जगह का धार्मिक स्वरूप एक हिंदू मंदिर का था और मुझे लगता है कि अगर आने वाले समय में ये आवेदन अस्वीकार होती है तो धार्मिक स्वरूप को तय करने की कवायद और आगे बढ़ेगी।

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उन्होंने कहा कि यदि फैसला हमारे पक्ष में आता है तो हम एएसआई सर्वे और शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की गई है। हम कार्बन डेटिंग की मांग कर रहे हैं। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह एक फव्वारा है, हम कहते हैं कि यह शिवलिंग है। एक स्वतंत्र निकाय को इसकी जांच और पता लगाना है। हम कार्बन डेटिंग की मांग के लिए एक आवेदन दाखिल किया है।

श्रंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण में वादी महिलाओं के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि मंदिर का अस्तित्व कभी समाप्त नहीं होता। भगवान शंकर ने ज्ञानवापी में हजारों हजार साल पहले पांच कोस का अवमुक्त एरिया बनाया था। उन्होंने कहा कि वह देश में अभियान चला रहे हैं, जितनी भी प्रापर्टी हिंदुओं की ली गई है उसे वापस लेनी है।

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