यूपी की वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में आज से सबसे बड़ा सर्वे शुरू हो गया है. ये वैज्ञानिक सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 40 सदस्यीय टीम कर रही है. वजूखाने को छोड़कर परिसर में हर जगह का सर्वे जारी है. यह सर्वे वाराणसी जिला अदालत के आदेश पर हो रहा है. एएसआई को सर्वे की रिपोर्ट 4 अगस्त तक अदालत में सौंपनी है. वहीं इस जारी सर्वे के बीच जिला जज वाराणसी (Varanasi Court) के 21 जुलाई के आदेश को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में कैविएट दाखिल कर दी गई है. अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से कैविएट पेटीशन ई-फाइलिंग मोड (E-filing mode) से कैविएट दाखिल किया है.
श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष की मुख्य वादिनी राखी सिंह की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल की गई है. अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से कैविएट पेटीशन ई-फाइलिंग मोड से दाखिल किया गया है. मुख्य वादिनी राखी सिंह ASI सर्वे के समर्थन में हैं, इस वजह से हाईकोर्ट में उनके द्वारा कैविएट इसलिए दायर किया गया है.
बताया जा रहा है कि ताकि अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी अगर हाईकोर्ट में जिला जज के फैसले को चुनौती दे तो बगैर उन्हें सुने हाईकोर्ट फैसला ना सुना दे. इस वजह से ये कैविएट दाखिल की गई है. मस्जिद कमेटी की तरफ से अभी तक हाईकोर्ट में कोई अपील दाखिल नहीं की गई है. वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे सोमवार की सुबह से शुरू हो गया है.
ASI के सर्वे में क्या-क्या?
- तीन गुंबदों के ठीक नीचे जीपीआर सर्वेक्षण
- जरूरत पड़ने पर गुंबदों की खुदाई
- पश्चिमी दीवार की उम्र और निर्माण की प्रकृति की जांच
- सभी तहखानों की जमीन के नीचे जीपीआर सर्वेक्षण
- जरूरत पड़ने पर तहखानों की भी खुदाई
- सभी कलाकृतियों की एक सूची तैयार होगी
- निर्माण की उम्र का पता लगाने के लिए कार्बन डेटिंग
सर्वे से क्या पता चलेगा?
- विवादित जगह की वास्तविकता क्या है?
- जमीन के नीचे क्या सच दबा हुआ है?
- आकृति स्वयंभू है या बाहर से लाकर स्थापित की गई?
- तीन कथित गुंबद कब बनाए गए?
- तीनों कथित गुंबद कितने पुराने हैं?
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