और इसी के साथ आज वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में जिला कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. इस फैसले से हिंदू पक्ष को एक बड़ी जीत मिली है. जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष में फैसला सुनाया है. जिला कोर्ट के जज अजय कृष्णा विश्वेश ने ये फैसला दिया है. उन्होंने श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजन-दर्शन की अनुमति की मांग वाली याचिका को सुनवाई के लायक माना है. इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष की याचिका को सिरे से खारिज कर दिया गया है.
जानें किस नियम के तहत होगी अब सुनवाई
जानकारी के मुताबिक, जिला कोर्ट के जज अजय कृष्णा विश्वेश ने अपने फैसले में कहा है कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 07 नियम 11 के तहत इस मामले में सुनवाई हो सकती है. कोर्ट ने श्रृंगार गौरी में पूजा के अधिकार की मांग को लेकर दायर याचिका को सुनवाई के योग्य माना है. हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर नियमित पूजा अर्चना करने की अनुमति दिए जाने की मांग की गई थी.
बता दें कि, मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में पोषणीय नहीं होने की दलील देते हुए इस केस को खारिज करने की मांग की थी. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलील को खारिज करते हुए अपने फैसले में कहा है कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 07 नियम 11 के तहत इस मामले में सुनवाई हो सकती है. अब जिला कोर्ट 22 सितंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. फैसला हिंदू पक्ष में आने के बाद अब मुस्लिम पक्ष इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देगा. मुस्लिम पक्ष जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकता है.
मामले में जानकारी देते हुए हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने बताया कि कोर्ट ने अपने फैसले में माना है कि इस फैसले में 1991 का प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता है. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के सभी दावों को खारिज कर दिया है.
कोर्ट में मौजूद रहे 62 लोग
आज कोर्ट के फैसले के दौरान हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन कोर्ट में मौजूद थे. जज ने कुल 62 लोगों को कोर्ट रूम में मौजूद रहने की इजाजत दी थी. इस मामले में 24 अगस्त को हिंदू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गई थी. इसके बाद वाराणसी के जिला जज एके विश्वेश ने 12 सितंबर यानी आज तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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