हमीरपुर (Hamirpur) के अखंड परमधाम आश्रम में सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान ज्ञानवापी को लेकर रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद गिरी (Parmanand Giri) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) पूर्व से ही मंदिर थी। उसकी दीवारें, नंदी आदि स्वत: सुबूत हैं। अब सर्वे में शिवलिंग मिलने से पूरी तरह तय हो गया है कि यह शिव मंदिर ही है। अब मुस्लिमों को अपना दावा छोड़ देना चाहिए क्योंकि इसके लिए मुगल शासक दोषी हैं।
तीन दिवसीय सत्संग कार्यक्रम में आए महामंडलेश्वर ने कहा कि देश में जितनी भी विवादित मस्जिदें हैं, उन्हें देखकर स्वत: अंदाजा लग जाता है कि वो मंदिर हैं। ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में यह साबित हो गया है। कांग्रेस शुरू से वोटों के लिए तुष्टीकरण की राजनीति करके हिंदू-मुस्लिमों में फूट डालती रही है। किसी भी मस्जिद में नंदी की मूर्ति होना इस्लाम धर्म के खिलाफ है।
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उन्होंने कहा कि जब विवादित स्थान पर मस्जिद बनाना और उसमें इबादत करना जायज नहीं है तो ऐसे धार्मिक स्थल का क्या औचित्य है। इस मौके पर अखंड परमधाम के मुख्य संरक्षक स्वामी ज्योतिर्मयानंद महाराज, महामंडलेश्वर दिव्य चेतना, स्वामी ओमानंद महाराज, स्वामी सत्यप्रकाश महाराज आदि मौजूद रहे।
बता दें कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सर्वे रिपोर्ट आज यानी 17 मई को कोर्ट में पेश नहीं होगी। मीडिया रिपोर्ट मुताबिक खबर मिल रही है कि कोर्ट रिपोर्ट तैयार कर पेश करने के लिए 2 से 3 दिन का समय मांगा जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि बीते सोमवार को हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि उन्होंने वजूखाने में एक बड़ा शिवलिंग देखा है। इसके बाद उस स्थान को सील करने का आदेश कोर्ट द्वारा दिया गया था।