उत्तर प्रदेश के हरदोई (Hardoi) जनपद के गोपामऊ से बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश (BJP MLA Shayam Prakash) के एक विवादित बयान ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। श्याम प्रकाश ने कहा है कि मनरेगा एक महामारी की तरह हो गई है। इसमें सरलीकरण और सुधार किया जाए अथवा इसे बंद कर दिया जाए। उन्होंने सरकारी सिस्टम पर आरोप लगाते हुए कहा कि अफसर बिना कमीशन के काम नहीं करते हैं। कमीशन देने के लिए प्रधानों को फर्जी जॉब कार्ड से भुगतान करना पड़ता है।
बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने कहा कि समय पर भुगतान न होने के कारण लोग काम करने को तैयार नहीं है। बता दें कि इससे पहले बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश ने ट्वीट कर कहा था कि मैंने अपने राजनीतिक जीवन में इतना भ्रष्टाचार नहीं देखा जितना इस समय देख और सुन रहा हूं। उन्होंने कहा कि जिससे शिकायत करो वह खुद वसूली कर लेता है।
श्याम प्रकाश के इस बयान ने अपनी सरकार पर आरोप लगाकर विवाद खड़ा कर दिया। अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले हरदोई की गोपामऊ सीट से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने कोरोना से जंग में पहले विधायक निधि से 25 लाख रुपये दिए, लेकिन जब और फंड जुटाने के लिए सरकार ने विधायक व सांसद निधि में कटौती का प्रस्ताव पास किया, तो इन्होंने अपने धन का सही उपयोग न होने का आरोप लगाकर जिला प्रशासन से धन वापस करने की मांग कर डाली।
यह मामला जब मीडिया की सुर्ख़ियों में आया और इनकी जमकर फजीहत हुई और अब सार्वजनिक रूप से बयानबाजी करने के कृत्य के लिए भारतीय जनता पार्टी ने नोटिस जारी कर इनसे जवाब तलब किया था।
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