समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) से मुलाकात की। लंबे समय बाद हुई इस मुलाकात को सपा खेमे में बेहद अहम माना जा रहा है। मुलाकात के बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा, ‘मैं जेल में आजम साहब से मिलने नहीं जा पाया था, लेकिन अब आया हूं। आजम खान हमारी पार्टी की धड़कन हैं। पुराने लोगों की बात ही अलग होती है।’ इस बयान से साफ है कि अखिलेश, पार्टी के पुराने चेहरों को फिर से एकजुट करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
अखिलेश का बीजेपी पर निशाना
अखिलेश यादव ने मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में आजम खान और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी शायद गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना चाहती है कि आजम खान पर सबसे ज्यादा केस दर्ज हों। आजम साहब, उनकी पत्नी और बेटे अब्दुल्ला पर झूठे मुकदमे लगाए गए हैं।’ अखिलेश ने दोहराया कि समाजवादी पार्टी हमेशा अपने पुराने साथियों के साथ खड़ी है।
अखिलेश यादव का एक्स पोस्ट
क्या कहें भला उस मुलाक़ात की दास्तान
जहाँ बस जज़्बातों ने खामोशी से बात की pic.twitter.com/uHFxDoKDTw— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 8, 2025
मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने एक्स (X) पर आजम खान के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘क्या कहें भला उस मुलाक़ात की दास्तान जहाँ बस जज़्बातों ने खामोशी से बात की। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘आजम खान हमारी पार्टी के दरख्त हैं, जिनकी जितनी गहरी जड़ें हैं, उतना ही बड़ा साया हमारे साथ है।’ इस बयान से यह संदेश देने की कोशिश की गई कि सपा में पुराने नेताओं का सम्मान बरकरार है।
राजनीतिक दूरियों को कम करने की पहल
बीते कुछ वर्षों में आजम खान और समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच दूरी की चर्चा रही थी। आजम के समर्थकों का आरोप था कि पार्टी ने उनके खिलाफ दर्ज मामलों में खुलकर समर्थन नहीं किया। इस मुलाकात को उसी दूरी को पाटने और पार्टी में फिर से भरोसा कायम करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। रामपुर की राजनीति में आजम खान हमेशा से सपा का अहम चेहरा रहे हैं, और मुलायम सिंह यादव के दौर से वे पार्टी के बुनियादी स्तंभों में शामिल रहे हैं।
रामपुर यात्रा में सियासी खींचतान भी चर्चा में रही
अखिलेश यादव की रामपुर यात्रा से पहले प्रशासन और सपा नेताओं के बीच रूट और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर काफी खींचतान हुई। प्रशासन ने उन्हें मुरादाबाद रूट से जाने की सलाह दी थी, लेकिन अखिलेश बरेली रूट से ही जाने पर अड़े रहे। अंततः वे बरेली एयरपोर्ट से हेलिकॉप्टर के जरिए जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचे, जहां आजम खान ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। इस मुलाकात ने न सिर्फ सपा के अंदरूनी समीकरणों को नया मोड़ दिया है, बल्कि रामपुर की राजनीति में भी नई हलचल पैदा कर दी है।















































