बिहार विधानसभा का मानसून सत्र एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के बीच तीखी नोकझोंक का गवाह बना। बुधवार (23 जुलाई) को SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) अभियान को लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ जोरदार हंगामा किया। सदन में माहौल तब और गरमा गया जब नीतीश कुमार ने तेजस्वी पर निजी टिप्पणी करते हुए कहा, अरे भाई , तुम बहुत बच्चा न थे। हमने तुम्हारे माता-पिता का समय भी देखा है। इसके जवाब में तेजस्वी ने संयमित लहजे में कहा, चाचा जी, आप सम्मानीय हैं, हमें आपसे कुछ नहीं कहना है।
नीतीश कुमार का तेजस्वी पर हमला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए पुरानी सरकार को याद दिलाया और कहा कि लोगों को आज भी ‘जंगलराज’ के दिन याद हैं। जवाब में तेजस्वी ने नीतीश सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, आप आरोप लगाते हैं लेकिन देखिए आपकी सरकार में क्या हो रहा है , हत्या, लूट, दुष्कर्म जैसे अपराधों की भरमार है। इसके बाद नीतीश ने महिलाओं और मुस्लिमों के लिए किए गए कार्यों का हवाला दिया और राबड़ी देवी पर निशाना साधते हुए कहा, तुम्हारी मां महिला होते हुए महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया।
तेजस्वी का पलटवार
बहस के दौरान नीतीश कुमार ने शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर भी अपनी उपलब्धियां गिनाईं, जिस पर तेजस्वी ने पलटवार करते हुए कहा, उस समय तो हम लोगों की सरकार थी, चाचाजी। नीतीश ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि विपक्ष के नेता सदन से इसलिए बाहर जा रहे हैं क्योंकि इनको कुछ समझ में नहीं आ रहा है। इससे पहले भी कई बार दोनों नेताओं के बीच इसी तरह की बहसें सदन में देखी जा चुकी हैं।
पहले भी हो चुकी है तनातनी
यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव आमने-सामने आए हों। 6 मार्च को भी नीतीश ने तेजस्वी पर हमला करते हुए कहा था,तुम्हारे पिता को मैंने ही बनाया था। तुम्हारी जाति वाले भी मुझसे पूछते थे कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? वहीं फरवरी 2021 में भी नीतीश ने तेजस्वी को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा था,अरे तुमको तो मैंने गोद में खिलाया है। तुम क्या बात करोगे, बैठ जाओ। बार-बार की इन नोकझोंकों से यह स्पष्ट है कि चाचा-भतीजा की राजनीतिक जंग आने वाले चुनावों में और तेज होगी।