दिल्ली की कानून व्यवस्था पर गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी की कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में गृह सचिव गोविंद मोहन, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा सहित कई उच्च अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक के दौरान, गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि अपराध के प्रति सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति है, और कानून व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रत्येक दिल्ली पुलिसकर्मी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है कि हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे। इसके लिए, पुलिस बल को विशेष कार्य योजनाओं के साथ अभियान चलाने चाहिए, विशेषकर बच्चों, महिलाओं, और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए।

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यह बैठक ऐसे समय में आयोजित की गई जब दिल्ली में व्यापारियों से रंगदारी मांगने, स्कूलों को बम धमकी मिलने, और अन्य आपराधिक घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। इन चुनौतियों के मद्देनजर, गृह मंत्री ने पुलिस बल को अपराधियों में भय पैदा करने और नागरिकों में सुरक्षा की भावना मजबूत करने के निर्देश दिए।इससे पहले, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की थी और इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समय मांगा था।

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार के समक्ष कानून व्यवस्था को सुधारना एक प्रमुख चुनौती है। भाजपा ने अपने चुनावी वादों में महिलाओं की सुरक्षा, यमुना की सफाई, और बुनियादी ढांचे के सुधार जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है।कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय आवश्यक है, ताकि दिल्ली के नागरिकों को सुरक्षित और संरक्षित माहौल प्रदान किया जा सके।