होमगार्ड वेतन घोटाले (Home Guards Salary Scam) से जुड़े ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के सूरजपुर स्थित होमगार्ड कमांडेंट कार्यालय में सोमवार रात संदिग्ध हालात में आग लगने के बाद मंगलवार को पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस पर डीजीपी ओपी सिंह (DGP OP Singh) ने कहा कि ‘सुनियोजित तरीके से सुबूतों को नष्ट करने के लिए आग लगाई गई है’. इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मंगलवार को सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे. जिसके बाद 24 घंटे के भीतर 5 गिरफ्तारी की गई है. आने वाले समय में और भी गिरफ्तारी हो सकती है. इसके बाद गुजरात की फॉरेंसिक टीम बुधवार को जांच के लिए नोएडा के सूरजपुर होमगार्ड कमान्डेंट ऑफिस पहुंच रही है.
डीजीपी ने बताया कि ‘होमगार्ड मस्टर रोल घोटाले में बड़ी कार्रवाई की गई है. 24 घंटे में तत्कालीन कमांडेंट होमगार्ड राज नारायण चौरसिया, एडीसी सतीश, प्लाटून कमांडर शैलेन्द्र, मोंटू और सतवीर की गिरफ्तारी की गई है’. बता दें होमगार्डों की फर्जी ड्यूटी दिखाकर करोड़ों का वेतन भुगतान करने के मामले में घोटालेबाजों ने सोमवार को सुबूत मिटाने के लिए होमगार्ड कमांडेंट के दफ्तर में ही आग लगा दी. इसमें घोटाले से जुड़े सभी अहम दस्तावेज जलकर राख हो गए. बता दें कि 7 दिन पहले ही यह घोटाला सामने आया था, जिसके बाद मामले में जांच के आदेश दिए गए थे.
उधर, एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि होमगार्डों की ड्यूटी में बड़ा घोटाला हुआ है. कुछ होमगार्ड ड्यूटी पर नहीं आते, लेकिन विभाग के अधिकारी थानों में उनकी उपस्थिति दिखाकर उनका वेतन निकाल लेते हैं. यह पूरा खेल होमगार्ड विभाग के एक संगठित गिरोह के माध्यम से होता है. पुलिस कप्तान ने बताया कि जब उन्होंने अपने स्तर से जांच कराई तो पता चला कि होमगार्ड विभाग के अधिकारियों ने जिले के थाना प्रभारियों के फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी मुहर के सहारे इस घोटाले को अंजाम दिया है.
उन्होंने बताया कि ‘सूरजपुर स्थित होमगार्ड कमांडेंट के दफ्तर में ब्लॉक ऑर्गेनाइजर कमरे का ताला तोड़कर साल 2014 तक के दस्तावेज में आग लगाई गई. इस आगजनी में अधिकांश दस्तावेज जल गए. शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपियों ने मुख्य दीवार फांदकर दफ्तर में प्रवेश किया. इसके बाद बीओजी दफ्तर का ताला तोड़कर उसी आलमारी को खोला, जिसमें हाजिरी रजिस्टर, मस्टर रोल और वेतन संबंधित दस्तावेज रखे हुए थे. इसके बाद आरोपियों ने सभी दस्तावेजों में आग लगा दी. आग लगने की जानकारी मंगलवार को एक स्वीपर द्वारा दी गई’.
एसएसपी ने बताया कि सोमवार की रात करीब 02:00 बजे होमगार्ड कार्यालय के एक कमरे में रहने वाला सुरक्षा गार्ड अनिल कुमार जगा हुआ था. लेकिन बाहर से उसके कमरे का दरवाजा बंद था. आशंका है कि आग लगाने वालों ने उसके कक्ष की बाहर से कुंडी लगा दी. एक होमगार्ड ने जुलाई माह में इस फर्जीवाड़े की शिकायत एसएसपी से की थी. एसएसपी ने मामले की जांच एसपी सिटी विनीत जायसवाल को सौंपी थी. इसमें शुरुआती जांच के दौरान मस्टररोल में गड़बड़ियां मिली थीं. 50 प्रतिशत से ज्यादा फर्जी ड्यूटी पकड़ी गईं जिसमें अब तक सात लाख रुपये से ज्यादा का फर्जी भुगतान सामने आ चुका है.
नोएडा के एसपी सिटी विनीत जायसवाल ने बताया की ‘वह इस मामले की जांच जुलाई से कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने सारी पत्रावलियों को कब्जे में नहीं लिया. एसपी सिटी जैसे-जैसे जांच कर रहे थे, उसके लिए जरूरी फाइलें होमगार्ड कमांडेंट के कार्यालय से ले रहे थे. अगर शुरुआत में ही सारी फाइलें जब्त कर ली जातीं तो यह नौबत नहीं आती. 18 नवंबर की रात होमगार्ड कमांडेंट के दफ्तर में ब्लॉक ऑर्गेनाइजर कक्ष का ताला तोड़कर दस्तावेजों में आग लगा दी गई. शासन स्तर से भी जांच समिति का गठन किया गया. समिति ने भी जांच में तत्परता नहीं दिखाई’.
जानें क्या था पूरा मामला
दरअसल, एक सप्ताह पहले ग्रेटर नोएडा जिले में होमगार्डों की कथित तौर पर फर्जी हाजिरी लगाकर सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने का मामला सामने आया था. इसके बाद इस मामले में शासन स्तर की एक समिति ने जांच शुरू कर दी है. मामले में जिले के एसएसपी ने अपनी खुद की जांच के बाद होमगार्ड विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा लिखने की संस्तुति की थी, लेकिन शासन ने अपने स्तर से भी जांच कराने का निर्णय लिया. अब इस मामले की जांच 4 सदस्यीय टीम कर रही है.
बता दें होमगार्डों की ड्यूटी लगाने में बड़ी धांधली चल रही है. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक ही कार्यालय और थाने में होमगार्ड लंबे अरसे से जमे हैं. बड़ी संख्या में ऐसे होमगार्ड हैं, जो 5-5 सालों से एक ही जगह तैनात हैं.
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