उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (lakhimpur kheri) जिले में बाढ़ की गंभीर स्थिति ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा नेता अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) ने जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) पर तीखा हमला बोला है। टेनी ने मंत्री के उस बयान पर सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि इस बार बाढ़ ही नहीं है। टेनी ने इस बयान को जनता को गुमराह करने वाला बताया और कहा कि जब सैकड़ों गांव डूबे हैं और राहत सामग्री बांटी जा रही है, तब बाढ़ न होने का दावा हास्यास्पद है।
अफवाहें फैलाते हैं हमारे मंत्री – टेनी का आरोप
अपनी सरकार के मंत्रियों की पोल पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी 👇pic.twitter.com/4jPxb4KGC5
— Awanish M Vidyarthi (@awanishvidyarth) September 13, 2025
एक बैठक में टेनी ने बिना नाम लिए स्वतंत्र देव सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ मंत्री अफवाहें फैलाने का काम करते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, कई बार मंत्री कह देते हैं कि खाद बहुत है, जबकि हकीकत अलग होती है। टेनी ने कहा कि ऐसे बयान जनता के भरोसे को तोड़ते हैं और पार्टी की साख को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मंत्री को सोच-समझकर बोलना चाहिए, खासकर जब ज़मीनी सच्चाई बिल्कुल अलग हो।
शारदा बैराज पर दिए गए बयान से भड़के टेनी
दो दिन पहले जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह शारदा बैराज के निरीक्षण पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने बाढ़ की स्थिति को नकारते हुए कहा था कि इस बार बाढ़ ही नहीं है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टेनी ने कहा कि मंत्री जी को शायद बाढ़ दिखाई ही नहीं दे रही, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि कई गांवों में लोग घर छोड़ने को मजबूर हैं और राहत शिविरों में आश्रय ले रहे हैं।
राहत कार्य जारी, लेकिन भरोसे पर सवाल
लखीमपुर खीरी में शारदा नदी के जलस्तर में वृद्धि से दर्जनों गांव प्रभावित हुए हैं। प्रशासन की टीमें दिन-रात राहत कार्यों में जुटी हैं, लोगों को भोजन और जरूरत की चीजें मुहैया कराई जा रही हैं। लेकिन मंत्री के बयान ने प्रशासनिक कार्यों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। टेनी ने कहा कि अगर बाढ़ नहीं है, तो फिर राहत सामग्री क्यों बांटी जा रही है? यह बयान सरकारी प्रयासों की गंभीरता को कम करता है।
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भाजपा में मतभेद या रणनीति का हिस्सा?
टेनी का यह बयान भाजपा के भीतर गहराते मतभेदों की ओर संकेत करता है। उन्होंने न सिर्फ मंत्री के बाढ़ संबंधित बयान की आलोचना की, बल्कि खाद संकट जैसे मुद्दों को भी सामने लाकर संकेत दिया कि जमीनी सच्चाइयों से पार्टी के कुछ नेता आंखें मूंदे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में लखीमपुर, फर्रुखाबाद, कानपुर और मथुरा सहित कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। ऐसे में टेनी की यह टिप्पणी भाजपा की नीतियों और तैयारी पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है।