‘जनता से आंख मिलाकर कुछ कहना चाहेंगे…’, बलरामपुर में दिव्यांग युवती से रेप, योगी सरकार पर जमकर बरसे अखिलेश

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलरामपुर (Balrampur) जिले में मानसिक रूप से कमजोर 22 वर्षीय मूकबधिर युवती से रेप की घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party ) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस मामले को बेहद घृणित बताते हुए योगी सरकार (Yogi Government) के कानून-व्यवस्था के दावों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पीड़िता को हर संभव राहत और चिकित्सा सुविधा देने की मांग करते हुए कहा कि अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिले और सरकार केवल एनकाउंटर का दिखावा न करे।

एक्स पर किया पोस्ट 

उन्होंने लिखा एक्स पर लिखा, बलरामपुर में एक दिव्यांग के साथ दुष्कर्म का अति कुत्सित कुकर्म सामने आया है। क़ानून-व्यवस्था का दावा करनेवाले इस मामले में जनता से आँख मिलाकर कुछ कहना चाहेंगे? पीड़िता को हर संभव राहत-सहायता और चिकित्सा उपलब्ध कराई जाए। अपराधियों को सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए, एनकाउंटर का दिखावा न किया जाए।

Also Read- बलरामपुर में हैवानियत, दिव्यांग युवती से गैंगरेप, पुलिस मुठभेड़ में दोनों आरोपी गिरफ्तार

कांग्रेस का गंभीर आरोप

कांग्रेस (Congress) की प्रदेश इकाई ने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया कि आरोपियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद पीड़िता को पुलिस चौकी से महज 20 मीटर की दूरी पर बेहोशी की हालत में छोड़ दिया। पार्टी ने दावा किया कि एसपी आवास के बाहर लगे CCTV फुटेज में साफ दिख रहा है कि पीड़िता खुद को बचाने के लिए भाग रही थी, जबकि बाइक पर सवार 5-6 लोग उसका पीछा कर रहे थे। कांग्रेस ने इस घटना को राज्य की गंभीर सुरक्षा स्थिति का उदाहरण बताया।

आम आदमी पार्टी ने किया हमला 

आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह घटना साबित करती है कि योगी आदित्यनाथ के शासन में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। पार्टी ने आरोप लगाया कि पीड़िता आरोपियों से बचते हुए पुलिस अधीक्षक आवास के पास से गुजरी, लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली। आप ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं की सुरक्षा पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं, लेकिन न सरकार और न पुलिस इस पर गंभीर है।

Also Read- ‘ऑफिस में घंटों घूरना और रात में वीडियो कॉल…’, नोएडा में महिला अधिकारियों ने IAS संदीप भागिया पर लगाए शोषण के गंभीर आरोप

मुठभेड़ के बाद हुई गिरफ्तारी

यह मामला तब और सुर्खियों में आया जब घटना के दो दिन बाद तड़के बलरामपुर पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि सरकार और पुलिस को केवल गिरफ्तारी दिखाने के बजाय व्यवस्था में सुधार और पीड़ितों को न्याय दिलाने पर ध्यान देना चाहिए। विपक्षी दलों का मानना है कि ऐसी घटनाएं उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की खस्ताहाल स्थिति को उजागर करती हैं।

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं.)