‘अगर हिंदू नहीं रहेगा तो दुनिया नहीं रहेगी…’, मणिपुर में गरजे RSS चीफ मोहन भागवत

मणिपुर (Manipur) के दौरे पर पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ( RSS chief Mohan Bhagwat) ने हिंदू धर्म और भारतीय सभ्यता को लेकर बड़ा वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि भारत का सामाजिक ढांचा हजारों वर्षों से कायम है और इसी बुनियादी ढांचे की बदौलत हिंदू समाज आज भी मजबूत है। भागवत ने कहा, अगर हिंदू समाज नहीं बचेगा, तो दुनिया भी नहीं बचेगी। समय-समय पर दुनिया को धर्म की सही व्याख्या और दिशा हिंदू समाज ही देता आया है।

विभिन्न देशों और सभ्यताओं के इतिहास का जिक्र

भागवत ने विभिन्न देशों और सभ्यताओं के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया के कई शक्तिशाली देश और संस्कृतियाँ समय के साथ समाप्त हो गईं। उन्होंने कहा, यूनान, मिस्र और रोम जैसी महान सभ्यताएँ इतिहास बन गईं, लेकिन भारत हजारों वर्षों से खड़ा है, क्योंकि हमारा सामाजिक नेटवर्क बेहद मजबूत है।

भारतीय सभ्यता को बताया ‘अमर सभ्यता’

RSS प्रमुख ने दावा किया कि भारतीय सभ्यता कालातीत है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसी संस्कृति है जो कभी विलुप्त नहीं होगी। हमने अनेक सभ्यताओं का उत्थान और पतन देखा। लेकिन भारत आज भी मौजूद है और आगे भी रहेगा। यह ईश्वर द्वारा हमें दिया गया कर्तव्य है कि हम अपनी सभ्यता और समाज को मजबूत रखें।

ब्रिटिश राज पर हमला

अपने भाषण में भागवत ने ब्रिटिश शासन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कभी ब्रिटिश साम्राज्य को अजेय माना जाता था, लेकिन भारत ने उनके अंत की शुरुआत कर दी। उन्होंने कहा, 1857 से 1947 तक हम 90 साल लड़ते रहे। हमारी आवाज कभी दबाई नहीं जा सकीकभी धीमी हुई, कभी तेज़, लेकिन खत्म नहीं हुई।

हर समस्या का अंत संभव:भागवत

भागवत ने कहा कि जब समाज एकजुट होकर किसी समस्या के खिलाफ खड़ा हो जाए, तो उसका समाधान निश्चित होता है। उन्होंने कहा, नक्सलवाद तब खत्म हुआ जब समाज ने तय कर लिया कि अब इसे और नहीं सहना है।

इंफाल में जनजातीय नेताओं से मुलाकात

मणिपुर में भागवत ने जनजातीय समुदायों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और सामाजिक सामंजस्य पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य किसी के खिलाफ काम करना नहीं, बल्कि समाज को मजबूत बनाना है। RSS न राजनीति करता है, न किसी संगठन को रिमोट से नियंत्रित करता है। हम सिर्फ मित्रता, स्नेह और सामाजिक सद्भाव के जरिए काम करते हैं।

समाज की सेवा करने वाला अघोषित स्वयंसेवक

भागवत ने कहा कि भारतीय संस्कृति के उत्थान और समाज की सेवा में लगे हर व्यक्ति को वे पहले से ही ‘अघोषित स्वयंसेवक’ मानते हैं।