इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के जज शेखर यादव (Justice Shekhar Yadav) के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विपक्षी दलों के 38 सांसदों ने प्रस्ताव पर साइन कर दिए हैं, जबकि बाकी सांसदों के हस्ताक्षर आज पूरे किए जाएंगे। संसद के शीतकालीन सत्र के 13वें दिन यह प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई।
जज शेखर यादव का विवादित बयान
चार दिन पहले प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद (VHP) की लीगल सेल के कार्यक्रम में जस्टिस शेखर यादव ने कहा था, ‘यह देश बहुसंख्यकों की इच्छा से चलेगा। कठमुल्ले देश के लिए घातक और जनता को भड़काने वाले लोग हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है।’
महाभियोग के लिए जरूरी प्रक्रिया
महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के लिए राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर जरूरी हैं। अब तक 38 सांसदों ने साइन किए हैं। राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने के कारण बाकी साइन आज पूरे कराए जाएंगे। इसके बाद नोटिस संसद में पेश किया जाएगा।
जस्टिस शेखर यादव का परिचय
- 1988 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रेजुएशन।
- 1990 में वकील के रूप में रजिस्ट्रेशन।
- 2019 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त।
- 2021 में स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
- यूपी राज्य और रेलवे के लिए स्थायी वकील रहे।
जस्टिस यादव के बयान पर विवाद के चलते यह महाभियोग प्रस्ताव विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
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