बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने मोदी सरकार की कैबिनेट में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले का स्वागत करते हुए समर्थन किया. आरक्षण का समर्थन करते हुए मायावती ने कहा- ‘2019 लोकसभा चुनाव से पहले लिया गया यह फैसला, सही नियत से लिया गया फैसला नहीं है. ये एक राजनीतिक स्टंट और छलावा है. अच्छा होता कि यह फैसला कार्यकाल खत्म होने से और पहले लिया गया होता’. मायावती ने कहा कि अभी आरक्षण को लेकर जो व्यवस्था लागू है, वो काफी पुरानी है.
BSP chief Mayawati to ANI: Lok Sabha chunaav se pehle liya gaya ye faisla humein sahi niyat se liya gaya faisla nahi lagta hai, chunavi stunt lagta hai, rajnitik chalaava lagta hai, acha hota agar BJP apna karyakaal khatam hone se thik pehle nahi balki aur pehle le leti. pic.twitter.com/Iidi2rT0eC
— ANI (@ANI) January 8, 2019
आरक्षण की पुरानी व्यवस्था नहीं होगी प्रभावित
सवर्ण आरक्षण के फैसले से एससी/एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण की पुरानी व्यवस्था कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. मोदी सरकार ने 10 प्रतिशत ओबीसी (आर्थिक रूप से पिछड़ा) कोटा का प्रस्ताव पेश किया है. मौजूदा समय में सरकारी नौकरियों में फिलहाल 49.5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है. इससे अधिक आरक्षण के लिए सरकार को मौजूदा आरक्षण कानून में संशोधन करना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण पर रोक लगाई है. कैबिनेट के सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले से पहले अनुसूचित जाति (SC) को 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति (ST) को 7.5 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है.
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केंद्रीय मंत्री संशोधन विधेयक पेश करेंगे
कैबिनेट के इस ऐतिहासिक फैसले का लाभ राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार, बनिया सहित आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को मिलेगा. आर्थिक रूप से पिछड़े इन वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने के लिए सरकार को अनुच्छेद 15 एवं 16 में स्पेशल क्लॉज जोड़कर संवैधानिक संशोधन करने होंगे. सरकार इस आरक्षण को लागू करने के लिए मंगलवार को संसद में संशोधन विधेयक पेश करेगी. इसे संसद में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत पेश करेंगे.
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