उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के भीड़भाड़ वाले इलाके चौक में पुलिस ने सप्ताह भर पहले जिस युवक को गिरफ्तार करके चोरी के 7 वाहन बरामद किए थे, सोमवार की शाम उसकी ट्रॉमा सेंटर में मौत हो गई. नीले पड़े शरीर पर चोटें देख परिवारीजनों ने चौक पुलिस पर थर्ड डिग्री देने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और कोतवाल उमेश कुमार श्रीवास्तव व गिरफ्तार करने वाली टीम पर केस दर्ज करने की मांग की. मामला गले की फांस बनते देख पुलिस ने जेल भेजने से पहले सरकारी अस्पताल में डॉक्टरी मुआयना और फोटो उजागर किए. जबकि जेल रिकॉर्ड में उसके शरीर की चोटों का ब्योरा दर्ज था. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने न्यायिक जांच के आधार पर कार्रवाई की बात कही है.
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जेल में हुई 2 दिन तक की पिटाई, मौत
15 जनवरी को दोपहर 2:30 बजे लखनऊ चौक पुलिस ने रहीम अब्दुल को ठाकुरगंज स्थित संयुक्त अस्पताल में डॉ. ए. गुप्ता के समक्ष पेश किया. उन्होंने उसके शरीर पर किसी प्रकार की चोट न होने का उल्लेख करते हुए पुलिस को रिपोर्ट सौंपी. पुलिस टीम ने शाम 6:12 बजे रहीम अब्दुल को जिला कारागार पहुंचाया. ठाकुरगंज के बालागंज स्थित जायरा कॉलोनी निवासी 28 वर्षीय रहीम अब्दुल की सोमवार शाम 4:30 बजे ट्रॉमा सेंटर में मौत हो गई. उसे 14 जनवरी को चौक पुलिस ने ट्रॉमा सेंटर से चोरी हुई बाइक के साथ गिरफ्तार किया था. इसके बाद रहीम की निशानदेही पर चोरी के 6 अन्य वाहन बरामद करके जेल भेजा और उसके भांजे गप्पू की तलाश में दबिश दी जा रही थी. बता दें कि पकड़े जाने के दौरान आरोपी रहीम की हालत स्वस्थ थी. जेलकर्मियों ने शारीरिक परीक्षण में उसके कंधे, हाथ और कूल्हे की चोटों को रिकॉर्ड में दर्ज करके अंगुलियों की छाप लेकर बैरक में रवाना किया. पुलिस का झूठ सामने आते ही परिवारीजन भड़क उठे. रहीम के भाई कलीम ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगते हुए शव पर नजर आ रही चोटें दिखाईं तो रहीम की पत्नी यासीन और 5 साल का बेटा अयान, बहन शबाना बिलखने लगीं. पुलिस ने 13 जनवरी को उसे ठाकुरगंज में पकड़ा था और 2 दिन तक थाने में पीटने के बाद जेल भेजा.

जेल पहुंचते ही बिगड़ गयी हालत
जिला कारागार के रिकॉर्ड के अनुसार रहीम अब्दुल को 15 जनवरी की देर शाम बैरक में बंद किया गया, जहां उसकी हालत बिगड़ने लगी. शरीर को झटके लेते देख अन्य बंदियों ने जेलकर्मियों को जानकारी दी और अगलेे दिन उसे जेल अस्पताल में भर्ती किया गया. हालत में सुधार न होते देख जेल के डॉक्टर ने शनिवार को रहीम अब्दुल को बलरामपुर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया और वहां भी हालत बिगड़ती गई. जिसके बाद सोमवार को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. पुलिस थाने में थर्ड डिग्री के आरोपों से घिरे पुलिसकर्मियों का कहना है कि जेल में रहीम अब्दुल को मिर्गी के दौरे पड़े थे और जेल के डॉक्टर ने दौरे का ही इलाज किया था.
न्यायिक जांच के आधार पर कार्रवाई होगी
चौक पुलिस ने रहीम अब्दुल को गिरफ्तार करके चोरी के 7 वाहन बरामद किए थे. सरकारी अस्पताल में डॉक्टरी मुआयना कराने के बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया और वहां से उसे जेल भेजा गया. चिकित्सकीय परीक्षण में रहीम अब्दुल के शरीर पर कोई चोट नहीं थी और न ही उसने किसी चोट या दर्द के बारे में डॉक्टर को जानकारी दी एवं मजिस्ट्रेट के समक्ष भी किसी चोट का जिक्र नहीं किया. जेल के डॉक्टर ने भी मिर्गी का इलाज किया. डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने के साथ उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग के आदेश दिए गए हैं. बंदी की मौत पर न्यायिक जांच का प्रावधान है और उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
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