प्रयागराज: वीएचपी की ओर से आयोजित धर्म संसद में हिस्सा लेने प्रयागरराज पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश का मसला करोड़ों हिन्दू की भावनाओं से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि हम न्यायालय का आदर करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सबरीमाला में महिलाओं का प्रवेश होना चाहिए. यह न्याय सरासर अत्याचार है. इस न्याय से केरल का हिन्दू समाज आहत है. लोगों को शायद ये गलत समझ है कि अय्यप्पा की पूजा केवल केरल के लोग करते हैं. लेकिन मैं कहता हूं कि ये सम्पूर्ण देश के हिन्दू समाज के लोग पूजा करते हैं.
मोहन भागवत ने कहा कि टेलीविज़न कैमरा के सामने भारत तेरे टुकड़े होंगे बोलने वाले लोग आज इसके पीछे हैं. स्वतन्त्र भारत में जिन लोगों को हिन्दूवादी कहा जाता है वह सत्ता में आये तो इन लोगों को दिक्कत हुई. हमारी कुछ कमियां हैं, जिसकी वजह से ऐसे षडयंत्र चल रहे हैं. 700 साल अधीन रहने के बाद भी आज भी हमारा देश भारत है कुम्भ मेला को देख लीजिए.
संघ प्रमुख ने कहा कि सबरीमाला के अंदर में 4 मंदिर हैं. एक मंदिर को छोड़कर सबका सब जगह प्रवेश है. कोर्ट ने आनन-फानन में निर्णय दिया है. कोर्ट ने तो भगवन के अस्तित्व पर भी सवाल उठाया था. सबरीमाला एक पब्लिक प्लेस नहीं है. वह तो एक संप्रदाय का स्थल है. कोर्ट ने विचार नहीं किया की उनके फैसले से करोड़ों लोगों की आस्थाओं को ठेस पहुंचेगी.
भागवत ने कहा, ‘कोर्ट ने कहा महिला अगर प्रवेश चाहती है तो करने देना चाहिए. अगर किसी को रोका जाता है तो उसको सुरक्षा देकर जहां से अब दर्शन करते हैं वहां से ले जाना चाहिए. लेकिन कोई जाना नहीं चाह रहा है. इसलिए श्रीलंका से लाकर इनको पिछले दरवाजे से घुसाया जा रहा है.’
बिना नाम लिए केरल सरकार को आड़े हाथों लेते हुए भागवत ने कहा, ‘ये ऐसे संगठन हैं जो देश को तोड़ने की घोषणा कर रहे हैं, संविधान की अवहेलना कर एक संप्रदाय के प्रभुत्व की घोषणा कर रहे हैं ऐसे संगठन. केरल का हिंदू समाज इसे लेकर प्रखर आंदोलन कर रहा है. 5 लोगों का बलिदान हुआ है. हिंदू समाज को ठेस पहुंचाने के लिए नई-नई योजनाएं बन रही हैं.’
भागवत ने कहा कि अयप्पा केवल केरल के हिंदुओं के भगवान नहीं हैं. यह सभी हिंदुओं के भगवान हैं. उन्होंने कहा, ‘इस आंदोलन में पूरा हिंदू समाज शामिल है. अयप्पा के भक्त हिंदू समाज के सभी नागरिक हैं. संपूर्ण देश में हमें वस्तुस्थिति बताकर लोगों को जागरूक करना होगा. हिंदुओं के खिलाफ षडयंत्र चल रहा है. कहीं-कहीं षडयंत्र चल जाता है. उसका कारण हमारी कमियां हैं. पंथ, भाषा, जात-पात के नाम पर कोई व्यक्ति हमें अलग नहीं कर सके. सामाजिक समरसता का काम शुरू होना चाहिए.
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