दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित मारपीट मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों को शनिवार को उस समय झटका लगा जब पटियाला हाउस अदालत ने आप विधायकों की इस मामले में पुलिस को मीडिया ब्रीफिंग न करने देने का अनुरोध खारिज कर दिया। पुलिस इस मामले में आरोपपत्र पहले ही दाखिल कर चुकी है जिस पर अदालत 18 सितंबर को सुनवाई करेगी ।
इस मामले पर हुई सुनवाई के दौरान आप विधायकों के वकील ने अदालत में कहा कि दिल्ली पुलिस इस घटना का मीडिया ट्रायल करने का प्रयास सकर रही है। न्यूज एजेंसी वार्ता के मुताबिक आप विधायकों के वकील का कहना था कि यह साधारण मामला नहीं है। इस मामले में मुख्य सचिव ने शिकायत की है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आरोपी हैं। दिल्ली पुलिस मामले को मीडिया ट्रायल करने के प्रयास में जुटी हुई है।
बता दें कि मुख्य सचिव के साथ कथित मारपीट की घटना इसी साल 19 फरवरी की है। मुख्य सचिव का आरोप है कि उन्हें रात 12 बजे मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर बैठक के लिए बुलाया गया था जहां मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की मौजूदगी में उनके साथ यह घटना हुई। इस मामले में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समेत 11 विधायक आरोपी हैं। आप के विधायकों ने 14 अगस्त को पटियाला हाउस अदालत के सामने अनुरोध किया था कि इस मामले में दिल्ली पुलिस आरोपपत्र के विवरण की जानकारी नहीं दें। विधायकों के अनुरोध पर अदालत ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था।
दिल्ली पुलिस ने अपनी दलील में कहा कि आप के नेता दिल्ली पुलिस के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं। पुलिस की छवि को धूमिल किया जा रहा है और अदालत की प्रक्रिया को भी प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।