लोकसभा चुनाव में बीजेपी की भारी बहुमत से जीत के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत का बयान सामने आया है. उन्होंने संघ के एक कार्यक्रम में कहा कि राम का काम करना है और राम का काम होकर रहेगा. उन्होंने कहा कि इसकी निगरानी भी करनी होगी. मोहन भागवत के इस बयान से कयास यही निकाले जा रहे हैं कि वह अयोध्या में राम मंदिर की बात कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने इसे स्पष्ट नहीं किया.
हालांकि इस बारे में साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है. संभावना यह भी जताई जा रही है कि वे संभवत: ‘राम राज्य’ बात कर रहे हों. बहरहाल, उदयपुर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने जो कुछ भी कहा, उससे यह भी प्रतीत होता है कि संघ लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एकतरफा जीत के बाद बनने जा रही नई सरकार पर ‘नजर बनाए रखेगा.’
भागवत ने कहा, ‘हमें राम का काम करना है और हम इसे करेंगे. यह हमारा काम है. राम हमारे अंदर जीवित हैं. इसलिए यह हमारा काम है और हम इसे खुद ही करेंगे. यदि हम इसे किसी और को करने के लिए देते हैं तो भी हमें निगरानी रखनी होगी.’ यहां उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद ‘सबका साथ, सबका विकास’ का संदेश दिया था.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर मामले में कह चुके हैं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता है, तब तक किसी अन्य विकल्प पर विचार नहीं किया जाएगा. उससे पहले आरएसएस और वीएचपी ने मांग की थी कि केंद्र सरकार संसद में अध्यादेश लाकर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे.
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