समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व प्रवक्ता राजीव राय (Rajeev Rai) के मऊ स्थित घर पर इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) की जांच रविवार की सुबह खत्म हुई। विभाग के अफसरों के अनुसार, जांच में करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी के सबूत मिले हैं। इस दौरान 14 निजी व सार्वजनिक बैंकों में 2 दर्जन से ज्यादा लॉकरों को सीज किया गया। प्रारंभिक जांच में सपा नेता के बेंगलुरु में संचालित स्कूल व कॉलेजों में डोनेशन के माध्यम से करोड़ों रुपए की हेरफेर के सबूत मिले हैं। इस कई शहरों में रियल एस्टेट में निवेश किया गया है।
यही नहीं, पूर्वांचल के शहरों के साथ ही लखनऊ में भी करोड़ों रुपए की संपत्तियों के कागजात मिले हैं। ये परिवार की महिलाओं व परिजनों के नाम से हैं। अफसरों की पूछताछ में सपा नेता ने बताया कि उन्होंने कई कंपनियों में करोड़ों की फंडिंग की है, लेकिन उनका नाम कागजों में नहीं है। जबकि उस कंपनी के लाभ में उन्होंने 50 फीसदी तक हिस्सा तय किया हुआ है। जांच में बेंगलुरु से उप निदेशक जांच एम जैन के अलावा बनारस से जेपी चौबे, राकेश कुमार श्रीवास्तव, गोपीनाथ चौबे शामिल रहे।
15 घंटे चली आयकर की छापेमारी
सपा के राष्ट्रीय सचिव व प्रवक्ता राजीव राय के कैंप कार्यालय पर शनिवार की सुबह सात बजे से शुरू हुई इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी देर रात पौने 12 बजे तक चलती रही। सुबह छापेमारी की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता वहां पहुंच गए। इस दौरान फंसाने का आरोप लगाते हुए अधिकारियों के लैपटॉप भी कार्यकर्ताओं ने चेक किए।
शनिवार सुबह 9 वाहनों दो दर्जन से अधिक अधिकारी शहर कोतवाली क्षेत्र में पुरानी तहसील के पास राजीव राय के कैंप कार्यालय पहुंचे। अंदर घुसने के बाद टीम के सदस्यों ने राजीव राय से पूछताछ शुरू की। टीम के सदस्यों ने राय के कंप्यूटर का हार्ड डिस्क कब्जे में ले लिया। उनके मोबाइल का क्लोन भी लिये जाने के बात सामने आ रही है।
राजीव राय ने किया था ये दावा
इनकम टैक्स विभाग के छापेमारी के बाद समाजवादी पार्टी प्रवक्ता राजीव राय ने दावा किया है कि 15 घंटे तक की छानबीन करने के बाद टीम को उनके घर से महज 17 हजार रुपये ही मिले। राजीव राय ने आरोप लगाया है कि आयकर डिप्टी कमिश्नर नेता के वेश में मेरे बेडरूम में घुस आए। टीम ने मेरा फिजियोथेरेपी करने वाले डॉक्टर को भी टारगेट किया। राजीव ने कहा कि मुझसे पूछना था तो मेरे परिवार को पूरा दिन बंधक क्यों बनाकर रखा गया।
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राजीव ने आगे कहा कि मेरा दुर्भाग्य ये है कि मैं उस जाती से हूं जिसे मुख्यमंत्री पसंद नहीं करते। राजीव ने कोरोना काल के दौरान किए मदद गिनाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान मैंने अन्नपूर्णा संस्था बनाकर सभी की मदद की। मलेशिया में बच्चे फंसे हुए थे उनकी मदद की।
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