भारतीय सेना और चीन (India China Standoff) के बीच सोमवार को गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए. हालांकि इस झड़प में कोई गोली नहीं चली है लेकिन संघर्ष इतना खूनी था कि भारत को अपने 20 अनमोल सैनिकों की शहादत सहनी पड़ी. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर लोहे की छड़ों और कील जड़े क्लबों से हमला किया. दोनों पक्षों के कुछ सैनिक पानी में गिर गए और उनके शवों को बाद में मंगलवार सुबह निकाला गया.
जानकारी के मुताबिक दोनों पक्षों के सैनिक प्रोटोकॉल के अनुसार बिना हथियारों के थे. विवादित सीमा पर गश्ती दल अपने साथ बंदूक नहीं रखते हैं या फिर उन्हें पीठ पर टांगते हैं जिसकी नली जमीन की तरफ और गोलियां उनकी जेबों में होती है. छह जून को दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों के बीच हुई वार्ता के बाद चीनी सैनिकों को योजना के अनुसार पीछे हटना था. लेकिन भारतीय स्क्वॉड ने पाया कि चीनी सैनिकों ने इसका उल्लंघन किया है. वे योजना के अनुसार पीछे नहीं हटे और उनके टेंट और ऑब्जर्वेशन पोस्ट अब भी वहां पर मौजूद थे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा कि इसके बाद कर्नल बाबू और उनकी टीम ने चीनी सैनिकों पर उनकी उपस्थिति को लेकर नाराजगी जताई और इसके बाद झड़प हो गई. उन्होंने बताया कि झड़प इसलिए बढ़ी क्योंकि चीनी सैनिक अपनी पोजिशन से पीछे हटने को तैयार नहीं हुए और भारतीय सैनिकों ने भारतीय एलएसी पर मौजूद उनके टेंट और ऑब्जर्वेशन पोस्ट को हटा दिया. कुछ ही मिनटों बाद सैनिकों में हाथापाई शुरू हो गई. दोनों पक्षों के बीच यह हिंसक झड़प सात घंटों तक हुई. यह झड़प पेट्रोल पाइंट 14 से लेकर पास की नदी तक हुई. यहीं पर दोनों पक्षों को नुकसान पहुंचा.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर लोहे की छड़ों और कील जड़े क्लबों से हमला किया. दोनों पक्षों के कुछ सैनिक पानी में गिर गए और उनके शवों को बाद में मंगलवार सुबह निकाला गया.
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