India Poverty Report: मोदी सरकार ने 5 साल में 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला, टॉप पर UP, नीति आयोग ने जारी किया डाटा

India Poverty Report: भारत में 2015-16 से 2019-21 के बीच 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं. इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में सबसे तेजी से गरीबी में कमी दर्ज की गई है. नीति आयोग की सोमवार को आई एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) के दूसरे संस्करण के अनुसार, 2015-16 में बहुआयामी गरीबी का आंकड़ा 24.85 प्रतिशत था जो 9.89 प्रतिशत घटकर 2019-2021 में 14.96 प्रतिशत रह गई.

केवल इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि इस अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी 32.59 प्रतिशत से तेजी से घटकर 19.28 प्रतिशत हो गई है. उत्तर प्रदेश में 3.43 करोड़ लोगों के साथ गरीबों की संख्या में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है, इसके बाद बिहार और मध्य प्रदेश का स्थान है.

इन राज्यों में गरीबी के अनुपात में सबसे तेज कमी दर्ज

36 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों और 707 प्रशासनिक जिलों के लिए बहुआयामी गरीबी अनुमान प्रदान करते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुआयामी गरीबों के अनुपात में सबसे तेज कमी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में देखी गई.

गरीबी कम करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका

रिपोर्ट में कहा गया है कि पोषण में सुधार, स्कूली शिक्षा के वर्षों, स्वच्छता और खाना पकाने के ईंधन ने गरीबी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक से मिला सुधार योजनाओं को आकार

बताना चाहेंगे कि राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर के आधार पर गरीबी को परिभाषित करने वाला एक समग्र उपाय है और राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर गरीबी का अनुमान लगाता है, जो राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए सुधार योजनाओं को आकार देता है.

राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर के तीन समान रूप से भारित आयामों में एक साथ अभावों को मापता है- जो 12 एसडीजी-संरेखित संकेतकों द्वारा दर्शाया गया है. इनमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृ स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, रसोई गैस, स्वच्छता, पेयजल, बिजली, आवास, परिसंपत्ति और बैंक खाते शामिल हैं, इन सभी में उल्लेखनीय सुधार देखे गए हैं.

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