2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राम मंदिर एक बार फिर सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुए हुआ हैं. वहीँ केंद्र सरकार इस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बात कहकर कटती हुई नजर आ रही है. इसी बीच अब नरेंद्र मोदी सरकार ने देशवासियों को नए साल से पहले एक बडा तोहफा दिया है. अब भारतीय रेलवे ने रामेश्वरम से धनुषकोटी तक रेल लाइन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही रेल मंत्री पीयष गोयल ने भी इस प्रॉजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी है, खबरों की मानें तो इस प्रॉजेक्ट को कैबिनटे तक भी नहीं भेजा जाएगा क्योंकि इसकी लागत ( 208 करोड़ रुपये) है जो कि रेलवे के प्रॉजेक्ट के हिसाब से कम है.
रामेश्वरम से धनुषकोटी तक की दूरी 17 किलोमीटर है जिसे लोग जीप या प्राइवेट वाहनों से तय करते थे लेकिन अब धनुषकोटी तक रेलवे लाइन से उन्हें समय की बचत होगी. बता दें कि धनुषकोटी से ही रामसेतु शुरु होता है फिर इसके आगे श्री लंका के तलाई मन्नार का क्षेत्र आ जाता है. धनुषकोटी और रामेश्वरम के बीच पहले भी रेल लाइन थी लेकिन साल 1962 में आए समुद्री तूफानी हवा की वजह से वह रेल लाइन बर्बाद हो गई थी जिसमें एक रेल भी बह गई थी और सैकडों लोग भी मारे गए थे. हालांकि अभी धनुषकोटी रेलवे स्टेशन वहां पर मौजूद है और इस लाइन के बनने से अब श्रद्धालु ट्रेन से सीधे रामसेतु तक पहुंच सकेंगे.
इस संबध में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि रामेश्वरम से धनुषकोटी तक 17 किलोमीटर की दूरी में रेलवे लाइन कार्य होगा. इस रेल लाइन की डीपीआर की प्रक्रिया अगले महीने ही शुरू हो जाएगी और इसके साथ ही पंबन ब्रिज के समानांतर भी यूरोप की तकनीक से नया ब्रिज बनाया जाएगा. इस ब्रिज की दूरी दो किलोमीटर है और इसकी खासियत ये होगी कि इस ब्रिज के नीचे से कोई समूद्री जहाज जाएगा तो इस ब्रिज का 63 मीटर लंबा हिस्सा रेल लाइन समेत ऊपर उठ जाएगा.
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