भारत के प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी का जन्मदिवस केवल एक व्यक्ति की वर्षगांठ नहीं, बल्कि एक ऐसे विचार, दर्शन और कार्यसंस्कृति का उत्सव है, जिसने देश की दिशा और दशा को निर्णायक रूप से बदल दिया है। गुजरात के वडनगर के एक सामान्य परिवार से निकलकर नरेंद्र मोदी ने यह सिद्ध किया कि राजनीति केवल सत्ता के लिए नहीं, बल्कि समाज की सेवा के लिए होनी चाहिए।
राजनीति में सेवा का संकल्प
प्रधानमंत्री मोदी का जीवन इस बात का प्रतीक है कि जब संकल्प, संयम और सेवा को राजनीति में केंद्र में रखा जाता है, तब उसका असर हर नागरिक तक पहुँचता है। जहाँ अनेक दलों की राजनीति वंशवाद और निजी स्वार्थों में उलझी रही, वहीं मोदी जी ने हर गरीब, महिला, किसान और युवा को अपना परिवार मानकर सेवा की राजनीति को नई परिभाषा दी।
अंत्योदय: विकास की आत्मा
मोदी सरकार के कार्यकाल में ‘अंत्योदय’, यानी समाज के अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएँ पहुँचाना, भारत के कल्याण मॉडल का मूल आधार बन गया। हर सरकारी योजना का उद्देश्य यह रहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं से वंचित न रहे। चाहे वह उज्ज्वला योजना के तहत स्वच्छ ईंधन हो, जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल से जल, या पीएम आवास योजना के तहत एक सुरक्षित घर—हर पहल गरीब की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए रही है।
विकास की वैश्विक मान्यता
भारत में गरीबी उन्मूलन के प्रयासों को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सराहना मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अत्यधिक गरीबी के खात्मे में मोदी सरकार के योगदान की प्रशंसा की है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने बहुआयामी गरीबी में भारत की ऐतिहासिक प्रगति को स्वीकारते हुए इसे एक वैश्विक उदाहरण बताया है।
डिजिटल भारत से लेकर आत्मनिर्भर भारत तक
पिछले ग्यारह वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, वित्तीय समावेशन, सामाजिक सुरक्षा और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में नए मानदंड स्थापित किए हैं। प्रधानमंत्री जन-धन योजना, आयुष्मान भारत, किसान सम्मान निधि और e-Shram पोर्टल जैसे उपायों ने जमीनी स्तर पर व्यापक प्रभाव डाला है। ये नीतियाँ सिर्फ सरकारी घोषणाएँ नहीं, बल्कि जमीनी सच्चाई हैं, जो आम आदमी के जीवन में बदलाव लाने में सफल रही हैं।
एक नेता, एक विचार, एक आंदोलन
प्रधानमंत्री मोदी केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा, एक मिशन और एक आंदोलन बन चुके हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने जिस आत्मविश्वास और तेज़ी से वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाई है, वह अभूतपूर्व है। उनके जन्मदिवस के अवसर पर आइए हम उन्हें उनके स्वस्थ, दीर्घायु और प्रभावशाली जीवन की शुभकामनाएँ देते हुए यह संकल्प लें कि हम भी राष्ट्र निर्माण की इस यात्रा में अपनी भागीदारी निभाएँगे।
बीजेपी प्रवक्ता प्रेम शुक्ल की कलम…
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