उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन (Conversion) मामले से जुड़े लोगों पर लगातार यूपी एटीएस (UP ATS) का शिकंजा कसता जा रहा है। खुफिया एजेंसियों की नजर भी कई एनजीओ और धार्मिक संगठनों पर है। पुलिस की जांच के अनुसार, देश में विदेश फंडिंग के जरिए 60 से ज्यादा दावाह सेंटर खोले गए हैं, जो धर्म परिवर्तन कराने का अड्डा बन गए हैं।
गिरफ्तार उमर गौतम के गांव भी पहुंची पुलिस
यूपी एटीएस की नजरें धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार मौलाना मोहम्मद उमर गौतम के पैतृक गांव पंथुआ पर टिकी हैं, जिसको लेकर पुलिस और लोकल इंटेलिजेंस के साथ ही आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) भी अलर्ट पर है। मंगलवार को पुलिस ने पंथुआ गांव पहुंचकर जांच-पड़ताल भी की। इसके अलावा शहर में रहने वाले उमर के भाई उदयभान सिंह का बयान भी दर्ज कराया गया है।
बताया जा रहा है कि एटीएस ने फतेहपुर पुलिस से उमर गौतम के करीबियों और उनकी पॉपर्टी से जुड़ी पूरी जानकारी मांगी है। धर्मांतरण गिरोह का मास्टरमाइंड मोहम्मद उमर गौतम का असली नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम है, लेकिन इस्लाम कबूल करने के बाद उसने अपना नाम उमर गौतम रखा लिया।
2 मदरसों में बड़ी फंडिंग के संकेत
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि जिले में कई ऐसे इस्लामिक संगठन से जुड़े और भी लोग हैं, जो उमर गौतम को फतेहपुर बुलाया करते थे। पुलिस ने इन लोगों को चिन्हित करना भी शुरू कर दिया है। इसके अलवा इनसे जुड़े बैंक अकाउंट्स को भी खंगाला जा रहा है। उमर गौतम के कनेक्शन खोजने के लिए एटीएस फतेहपुर भी जा सकती है। वहीं, लोकल इंटेलिजेस और आईबी की जांच में जिले के 2 मदरसों में बड़ी फंडिंग की आशंका जताई गई है। इसमें से एक अंग्रेजी मीडियम स्कूल भी शामिल है। पुलिस स्कूल से जुड़े लोगों की कुंडली और बैंक डिटेल भी खंगाल रही है।
लखनऊ से गिरफ्तार हुए थे 2 आरोपी
गौरतलब है कि यूपी एटीएस ने 21 जून को ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया, जो जबरन, लालच और मानसिक दबाव बनाकर धर्म परिवर्तन कराकर लोगों को मुसलमान बनने पर मजबूर करते थे। इस मामले में यूपी एटीएस ने मोहम्मद उमर गौतम और उसके सहयोगी मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया है।
इन दोनों ने अब तक गरीब महिलाओं के साथ मूक-मधिर गरीब बच्चों और अपाहिजों को मिलाकर 1000 से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराया है। मोहम्मद उमर गौतम के बहुत से सहयोगी हैं, जिनमें से मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी पुत्र ताहिर अख्तर धर्मांतरण के इस आपराधिक षडयंत्र में सहयोगी है। इसके द्वारा धर्मांतरण प्रमाण पत्र और विवाह प्रमाण पत्र गैर कानूनी ढंग से तैयार किया जाता था।
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