पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हिंदू धर्म के बहुत से ऐसे मंदिर है, जहां पर मुसलमान आकर अदब से सिर झुकाते है. ऐसे ही वहां का एक सूर्य मंदिर है. जिसको बनवाने के पीछे वजह भगवान शिव के द्वारा श्राप से मुक्ति थी. मुल्तान में स्थित इस मंदिर में करीब 1500 साल पहले घूमने के लिए आए चीनी बौद्ध भिक्षुओं ने इस मंदिर के बारे में कई बातें लिखी हैं. चीनी बौद्ध भिक्षु ने इस मंदिर के बारे में बताया कि मोहम्मद बिन कासिम और मोहम्मद गजनी ने इस मंदिर को एक बार नहीं बल्कि कई बार लूटा था.
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कराची का राम और हनुमान मंदिर
कराची स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि यह मंदिर करीब 2 हजार साल पुराना है. त्रेतायुग से 17 लाख साल पुरानी हनुमान जी की एकमात्र मूर्ति इसी मंदिर में स्थापित है. इस मंदिर का पुनर्निर्माण साल 1082 में कराया गया था. इस मंदिर में भी हनुमान भक्तों की भीड़ हमेशा लगी रहती है. भारत में राम मंदिर को लेकर हर राम भक्त के अंदर बहुत गहरी आस्था है. लेकिन पाकिस्तान में भी कुछ राम मंदिर स्थित हैं, जिनमें सबसे विशेष इस्लाम कोट का राम मंदिर है.
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हिंदू काउंसिल ऑफ पाकिस्तान के कामों लिए मंदिर का उपयोग
बताते है कि जब पर्वती सती हो गईं तो महादेव की आंख से आंसू गिरे थे. जिनमें से एक आंसू भारत के पुष्कर में तो वही दूसरा आंसू पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में गिरा था. कहा जाता है कि पाकिस्तान में अब से करीब 900 साल पहले कटास राज मंदिर को बनवाया गया था. कराची में स्थित श्री वरुण देव मंदिरकरीब 100 साल से भी ज्यादा पुराना है. ये कराची के मनोड़ा आइलैंड में बना हुआ है. पाकिस्तान में अब इस मंदिर का उपयोग हिंदू काउंसिल ऑफ पाकिस्तान के कामों के लिए होता है.
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