पाकिस्तान की सरकारी हवाई सेवा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमे पाकिस्तान में पांच ऐसे पायलट हवाई जहाज उड़ा रहे जो हाईस्कूल भी पास नहीं थे. सात पायलटों की फर्जी डिग्री पकड़े जाने के बाद पाकिस्तान के विमानन विभाग ने इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी. पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) ने सातों पायलटों के साथ फर्जी डिग्री वाले 50 से अधिक कर्मचारियों का अनुबंध रद्द कर दिया है.
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सुप्रीम कोर्ट के जज इजाजुल अहसान ने कहा कि जो शख्स मैट्रिक पास नहीं है वह बस तक नहीं चला सकता लेकिन यह लोग यात्रियों की जान खतरे में डाल कर प्लेन उड़ा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ को बताया गया कि दस्तावेज न जमा कराने के कारण कम से कम 50 पीआईए कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट की पीठ PIA के पायलट्स और स्टाफ की डिग्री के वेरिफिकेशन के मामले की सुनवाई कर रही है. CAA (सिविल एविएशन अथॉरिटी) ने शिकायत की थी कि एजुकेशनल बोर्ड और विश्वविद्यालय डिग्री वेरिफिकेशन के मामले में मदद नहीं कर रहे हैं.
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CAA की ओर से कहा गया कि 4321 कर्मचारियों में से PIA के 402 के वेरिफिकेशन अभी पेंडिंग हैं. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस निसार ने कहा कि PIA उसके 498 पाइलट की सूची लाइसेंस एग्जामिनेशन के रिजल्ट के साथ सौंपे. बीते महीने पाकिस्तान सरकार ने PIA के लिए 1700 करोड़ रुपए बेलआउट पैकेज जारी किया है. PIA बीते कई सालों से नुकसान में चल रही है.