पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यकों पर कट्टरपंथियों का अत्याचार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। धर्मांतरण के लिए बदनाम सिंध प्रांत में 60 हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर उन्हें मुसलमान बनाने के बाद अब एक हिंदू लड़के (Hindu Boy) का कॉलर पकड़कर उसे ‘अल्लाहू अकबर’ बोलने पर मजबूर किया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
भगवान को गाली देने और अल्लाहू अकबर बोलने को किया मजबूर
वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि लड़का कट्टरपंथियों के डर से अल्लाहू अकबर बोल रहा है। आरोपी ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी बनाया और यूट्यूब पर अपलोड करते हुए वायरल भी किया। मामला 21 जून 2021 का और वीडियो पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थारपारकर जिले का बताया जा रहा है। इस वीडियो को बनाने वाले आरोपी का नाम अब्दुल दाउद उर्फ अब्दुल सलाम है और वह पाकिस्तान के सिंध थार के कोल ब्लॉक में इंजीनियर है।
वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले पर संज्ञान नेते हुए पाकिस्तान में सत्ताधारी पार्टी पीटीआई के हिंदू सांसद और पाकिस्तान मानवाधिकार के संसदीय सचिव लाल चंद मलही ने इसे ट्वीट करते हुए कहा कि थारपारकर में एक हिंदू बच्चे को थार कोयला ब्लॉक-1 के एक कर्मचारी द्वारा अपने भगवान के लिए आपत्तिजनक शब्द कहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। थारपारकर में बाहरी लोग परस्पर धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। हमने पुलिस को निर्देश दिया है कि आरोपी को अविलंब गिरफ्तार कर एफआईआर दर्ज करें।
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आरोपी अब्दुल दाऊद उर्फ अब्दुल सलाम गिरफ्तार
फिलहाल सिंध पुलिस ने वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी अब्दुल दाऊद उर्फ अब्दुल सलाम को थारपाकर जिले से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के मानवाधिकारों के बारे में आवाज उठान वाले पत्रकार मुकेश मेघवार इस वीडियो के सत्यता की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि कुछ धार्मिक कट्टरपंथियों ने हिंदू लड़के को अल्लाहू अकबर का नारा लगाने को मजबूर किया। उन्होने यहां तक दावा कि इस हिंदू बच्चे को अपने भगवान को गाली देने के लिए भी मजबूर किया गया।
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने घटना का उड़ाया मजाक
इस मामले में हैरान करने वाली बात तो यह है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इस घटना का मजाक उड़ाया, जिसके बाद वो सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए। अगर आप पाकिस्तानी सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया पर गौर करें, तो भीषण नफरत भरे इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए, अल्वी ने इसका मजाक उड़ाया है। अल्वी ने लोगों से कहा कि वे पाकिस्तान को बदनाम न करें और इससे भी बदतर, उन्होंने देश को रियासत-ए-मदीना यानी पवित्र भूमि के रूप में वर्णित किया।
अल्वी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मंगलवार शाम ऐसी घटनाओं के खिलाफ चेतावनी दी गई, लेकिन हमले की निंदा नहीं की। इसके बजाय, उन्होंने कहा कि ये बदसूरत अलग-थलग घटनाएं थीं, जिससे पाकिस्तान की बदनामी हुई। उन्होंने कहा ‘हमारे समाज को सतर्क रहना चाहिए। देश को बदनाम करने के लिए इस तरह की छिटपुट घटनाओं का इस्तेमाल किया जाता है। मैं इसकी निंदा करता हूं और सभी नागरिकों को आश्वस्त करता हूं कि हम रियासत-ए-मदीना में ऐसा नहीं होने देंगे।
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