पिछले साल यूपी के कानपुर में हुए बिकरू कांड में आरोपित बने दो पुलिसकर्मियों की मुसीबत अब बढ़ती जा रही है। दरअसल, बिकरू कांड की जांच में मुखबिरी के आरोपी पूर्व एसओ चौबेपुर विनय तिवारी और हल्का इंचार्ज केके शर्मा की फाइलों को अलग किया गया है। दोनों की जांच फिर से शुरू की जाएगी। इसके साथ ही पांच अन्य पुलिस कर्मियों की जांच की फाइल अंतिम दौर में है।
शुरू से होगी कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, कानपुर जिले के बिकरू कांड में चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी, दरोगा केके शर्मा, दरोगा अजहर इशरत, दरोगा कुंवरपाल सिंह, दरोगा विश्वनाथ मिश्र, दरोगा अवनीश कुमार सिंह, सिपाही अभिषेक कुमार और सिपाही राजीव कुमार के खिलाफ एसआईटी ने वृहद दंड कार्रवाई की संस्तुति की थी। ये जांच एडीसीपी क्राइम आईपीएस दीपक भूकर को सौंपी गई है।
वहीं बिकरू कांड में विकास दुबे के लिए मुखबिरी के आरोपी विनय तिवारी और केके शर्मा जेल में बंद हैं। कई बार पत्र भेजने के बाद भी दोनों ने अपने बयान दर्ज नहीं कराए। एडीसीपी क्राइम ने बताया कि अन्य पांचों पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज हो चुके हैं। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। इसलिए जांच में बदलाव किया गया है। पांचों पर कार्रवाई की रिपोर्ट जल्द ही उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी। विनय तिवारी और केके शर्मा की जांच चलती रहेगी।
क्या है बिकरू कांड
गौरतलब है कि पिछले साल 2 जुलाई की रात को कानपुर के विकास दुबे और उसके सहयोगियों ने क्षेत्राधिकारी सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। विगत 10 जुलाई को विकास दुबे का एनकाउंटर कर दिया गया था। जिसके बाद एसआईटी का गठन किया गया। संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित की गई एसआईटी की टीम ने शासन को रिपोर्ट दी है।
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