UP: डेढ़ साल के निलंबन के बाद बहाल हुए IPS अभिषेक दीक्षित, अब यूपी में नहीं मिलेगा चार्ज, मूल कैडर तमिलनाडु भेजने का आदेश

उत्तर प्रदेश शासन ने भ्रष्टाचार के संगीन आरोप में डेढ़ साल से निलंबित चल रहे 2006 बैच के आईपीएस अफसर अभिषेक दीक्षित (IPS Abhishek Dixit) को बहाल कर दिया है। हालांकि, अब उन्हें उत्तर प्रदेश में चार्ज नहीं मिलेगा। गृह विभाग ने आईपीएस अभिषेक दीक्षित को उनके मूल कैडर तमिलनाडु भेजे जाने का निर्णय लेते हुए आदेश जारी कर दिया है। मंगलवार को उनकी रवानगी होगी।

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 8 सिंतबर 2020 को प्रयागराज के तत्कालीन एसएसपी अभिषेक दीक्षित को निलंबित कर दिया था। डिप्टेशन पर यूपी आए अभिषेक दीक्षित कोसबसे पहले पीएसी मे तैनाती दी गई थी। इसके बाद उन्हें पीलीभीत का एसपी बनाया गया था। इसके बाद उन्हें 17 जून 2020 को प्रयागराज का एसएसपी बनाया गया था। निलंबन के बाद उनके विरुद्ध विभागीय जांच लखनऊ कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) नीलाब्जा चौधरी को सौंपी गई थी।

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आइपीएस अभिषक दीक्षित पर एसएसपी प्रयागराज रहने के दौरान चौकी प्रभाीरी से लेकर थानेदारों तक की तैनाती को लेकर पैसा लेने का आरोप लगा था। साथ ही उनके खिलाफ पुलिस मुख्यालय के निर्देशों का अनुपालन न करने व कार्य में शिथिलता बरतने की भी शिकायतें थी।

जिसके बाद अभिषेक दीक्षित को आठ सितंबर 2020 को निलंबित कर विभागीय जांच लखनऊ कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) नीलाब्जा चौधरी को सौंपी दी गई। साथ ही विजिलेंस जांच का आदेश भी दिया गया था, जिसमें वह विभागीय अनियमितता बरतने के दोषी पाए गए थे। विजिलेंस ने शासन को सौंपी अपनी रिपोर्ट में उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की थी।

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