कर्नाटक (Karnataka) सरकार ने बीजेपी युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेट्टार की हत्या (BJP Leader Praveen Nettaru Murder) के मामले को एनआईए को सौंपने का निर्णय लिया है। सीएम बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को कहा कि प्रवीण की हत्या साजिश रचकर की गई और यह संगठित अपराध है। इस मामले का अंतर्राज्यीय जुड़ाव है। हत्या का शक पीएफआई के टेरर मॉड्यूल पर है।
सूत्रों का कहना है कि एआईए की जांच का दायरा इस घटना तक ही सीमित नहीं रहेगा। जांच एजेंसी दक्षिण भारत में फैले आतंकी नेटवर्क को भी खंगालेगी। एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इंटेलिजेंस ब्यूरो से उन्हें कर्नाटक और केरल के अलावा तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश व तेलंगाना में चल रही आतंकी गतिविधियों से जुड़ा बड़ा इनपुट मिला है। यहां इस्लामिक स्टेट और अलकायदा ने अपने पैर पसार लिए हैं।
प्रवीण की हत्या की साजिश में शामिल 2 मददगार गिरफ्तार
प्रवीण की हत्या के मामले में कर्नाटक पुलिस ने 15 लोगों से पूछताछ की है, जबकि मोहम्मद शफीक बेल्लारे और जाकिर सवानुरु को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि दोनों ने हत्यारों की मदद की थी, जो फरार हैं। पुलिस के मुताबिक, हमलावर केरल से आए थे। ये दोनों हमलावरों के संपर्क में थे। दोनों ने कई लोगों से बात करने के लिए टेलीग्राम ऐप का इस्तेमाल किया। दोनों एसडीपीआई के सदस्य भी हैं। यह पीएफआई का पॉलिटिकल विंग है।
खाड़ी देशों से हो रही स्लीपर सेल को फंडिंग
जानकारी के अनुसार, केरल और कर्नाटक में इन आतंकी संगठनों की मौजूदगी के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इनके सक्रिय होने की जानकारी पहली बार सामने आई है। यहां अलग-अलग धार्मिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग दोनों आतंकी संगठनों के लिए स्लीपर सेल का काम कर रहे हैं। इनसे जुड़े लोगों को खाड़ी देशों से फंडिंग हो रही है। दूसरी तरफ, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने प्रवीण नेट्टार की हत्या में पीएफआई और एसडीपीआई (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) का हाथ होने की आशंका जताई है।
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दक्षिण के राज्यों में इंडियन मुजाहिद्दीन का नेटवर्क सक्रिय
कर्नाटक आतंकी गतिविधियों का बड़ा केंद्र रहा है। इंडियन मुजाहिदीन की स्थापना वर्ष 2000 में उत्तर कन्नड़ जिले के भटकल में ही हुई थी। इसमें कर्नाटक, आंध्र, तमिलनाडु, केरल के लोग शामिल थे। सूत्रों के अनुसार दक्षिण भारत में इंडियन मुजाहिदीन का पुराना नेटवर्क सक्रिय हो गया है।
केरल-कर्नाटक में हो रही हत्याओं में पीएफआई कनेक्शन
इंटेलिजेंस ब्यूरो के सूत्रों के अनुसार, केरल और कर्नाटक में हो रही हत्याओं में विवादित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का नाम आ रहा है। इसका शीर्ष केडर इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अलकायदा से जुड़ा है। इनमें से ज्यादातर पहले सिमी में सक्रिय रहे हैं।
तमिलनाडु में टीएनटीएस और अल उमा सक्रिय
तमिलनाडु में पीएफआई के अलावा तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीएस) और अल उमा इस नेटवर्क का हिस्सा है। टीएनटीएस वही संगठन है जिसके अध्यक्ष रागमथुल्ला हमतुल्लाह ने हिजाब मामले में फैसला सुनाने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के जज को धमकी दी थी।
आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में दीनार अंजुमन एक्टिव
संगठन दीनार अंजुमन से जुड़े संदिग्ध आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में आईएस और अलकायदा के काम कर रहे हैं। इसके गठन पर 2001 में प्रतिबंध लग चुका है, लेकिन इससे जुड़े संदिग्ध अब भी सक्रिय हैं और आतंकी गतिविधियों में लिप्त हैं। कई वारदातों में इनके जुड़े होने के संकेत मिले हैं।
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