भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान (Anil Chauhan) के हालिया इंटरव्यू को लेकर राजनीतिक हलकों में जोरदार बहस छिड़ गई है। सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग के दौरान उन्होंने ब्लूमबर्ग टीवी और रॉयटर्स को अलग-अलग इंटरव्यू दिए, जिनमें पाकिस्तान द्वारा भारत के लड़ाकू विमान गिराने के दावे पर टिप्पणी की गई।
CDS का बयान
ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में जब जनरल चौहान से पूछा गया कि क्या भारत का कोई लड़ाकू विमान पाकिस्तान ने गिराया था, तो उन्होंने जवाब दिया, ‘ये ज़रूरी नहीं कि विमान गिराया गया, ज़रूरी ये बात है कि ऐसा क्यों हुआ।’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के छह विमानों को मार गिराने के दावे पूरी तरह गलत हैं। पत्रकार द्वारा बार-बार पूछे जाने पर भी उन्होंने स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा कि विमान गिरा या नहीं, बल्कि इस बात पर ज़ोर दिया कि भारतीय सेना ने अपनी रणनीतिक कमियों को पहचाना, सुधार किया और दो दिन बाद प्रभावी प्रतिक्रिया दी।
कांग्रेस ने साधा निशाना
In the wake of the remarks made by the Chief of Defence Staff (CDS) in Singapore in an interview, there are some very important questions which need to be asked.
These can only be asked if a Special Session of the Parliament is immediately convened.
The Modi Govt has misled the…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 31, 2025
CDS के बयान के बाद कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस बयान से कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं और उन्होंने तत्काल संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘हमारे वायुसेना के पायलटों ने अपने प्राण जोखिम में डाले। नुकसान जरूर हुआ, लेकिन हमारे पायलट सुरक्षित रहे। CDS ने कहा कि हमने अपनी गलतियों से सीखा, उसे सुधारा और दो दिन में फिर से जवाब दिया। यह हमारे पायलटों की वीरता को दर्शाता है।’
“सरकार ने देश को गुमराह किया” – कांग्रेस
खड़गे ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने जनता को गुमराह किया और अब जब हालात स्पष्ट हो रहे हैं, तो रणनीतिक समीक्षा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश को सच्चाई जानने का हक है और इस पर बहस के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाना ज़रूरी है।
विशेषज्ञों में भी मतभेद
इस मसले पर सुरक्षा विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है। कुछ लोग जनरल चौहान के बयान को सैन्य दृष्टिकोण से उचित मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे भ्रमित करने वाला मानते हुए अंतरराष्ट्रीय मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं कि वह पाकिस्तान के नैरेटिव को बढ़ावा दे रहा है।