देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं में से एक दिल्ली में स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी पर एक गंभीर आरोप का मामला सामने आया है, जहां एक छात्रा ने आरोप लगाया है की उसे यूजीसी-नेट परीक्षा में सिर्फ इस लिए नहीं बैठने दिया गया क्यूंकी उसने हिजाब पहना हुआ था. एमबीए की छात्रा उम्मैया खान का आरोप है की वो जब रोहिणी इलाके में बने परीक्षा केंद्र पर पहुंचीं तो उससे कहा गया कि वह अपना हिजाब उतार दे.
उसके बाद उम्मैया खान ने ट्वीट करके कहा है, ‘संविधान में साफ लिखा है कि हम किसी भी धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन इन अतिराष्ट्रवादी सरकारी कर्मियों ने मुझे नेट जेआरएफ की 20 दिसंबर, 2018 को हुई परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया, क्योंकि मैं उन्हें समझा रही थी कि मुझे अपना सिर ढकने की अनुमति दी जाए और यह मेरे धर्म में है.’
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इस पूरे मामले पर जामिया के मानद निदेशक और प्रोफेसर डॉ. अमीरूल हसन ने इस बारे में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को पत्र लिखा है वहीं एग्जाम कंडक्ट कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा कि ऑफिशियल गाइडलाइंस जरूर हैं. लेकिन धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाया जाना चाहिए.