यूपी की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन करने वालों पर कड़ा रुख अपना रही है. हाल ही में भड़की हिंसा के बाद प्रदेश में जहां ताबड़तोड़ गिरफ़्तारी हुईं तो वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज में रविवार को शहर में भड़की हिंसा के मास्टरमाइंड बताए जा रहे जावेद पंप के घर को जमीदोज कर दिया गया. यूपी सरकार की ताबड़तोड़ ‘बुलडोजर’ कार्रवाई पर अब जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ रुख किया है. जमीयत उलमा ए हिंद ने अपनी अर्जी में कहा है कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना यूपी सरकार कोई भी कार्रवाई नहीं करे.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए मांग की है कि कोर्ट यूपी सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दे कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना आगे कोई विध्वंस नहीं किया जाए. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपने आवेदन में कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिनियमित कानून और नगरपालिका कानूनों के उल्लंघन में ध्वस्त किए गए घरों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं.
याचिकाकर्ता ने कहा कि वर्तमान स्थिति और अधिक चिंताजनक है, सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उत्तर पश्चिमी दिल्ली में इसी तरह की परिस्थितियों में एक दंडात्मक उपाय के रूप में किए जा रहे विध्वंस पर रोक लगाने का आदेश दिया था. बता दें कि उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में शुक्रवार (10 जून) को हुई हिंसा के बाद योगी सरकार ने सख्त रुख अपना रखा है.
बता दें कि यूपी की योगी आदित्यनात प्रदेश में लगातार अपराधियों पर कार्रवाई कर रही है और उनके अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है. खासकर कानपुर में हुई हिंसा के बाद आरोपियों के ठिकानों पर लगातार बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है. प्रयागराज में भी जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के बाद वारदात का मास्टरमाइंड बताया जा रहा जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के मकान पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया था. वहीं जावेद के घर से अवैध हथियार व आपत्तिजनक पोस्टर भी बरामद किए हैं. बताया जा रहा है कि जिस मकान को गिराया गया उसकी कीमत करीब 5 करोड़ रुपये है.
वहीं जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश में अलग अलग स्थानों पर हुई पत्थरबाजी और हिंसा के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बयान जारी कर कहा कि आरोपियों के साथ मुजरिम जैसा बरताव किया जा रहा है जो कि आतंकवाद और कानून विरोधी है. बोर्ड ने कहा कि पत्थरबाजी करने वालों को पकड़ कर अदालत के सामने पेश करें, अदालत अपना फैसला सुनाएगी. बोर्ड ने मौजूदा कार्रवाई को मुसलमानों के जख्मों पर नमक छिड़कना करार दिया. बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि ये कार्रवाई कानून विरोधी है.
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