Jan Aushadhi Kendra: देशभर में अब तक 15,000 से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं, और सरकार ने 31 मार्च 2027 तक 25,000 केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है। यह घोषणा रविवार को की गई। इस योजना के तहत लोगों को किफायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
जन औषधि दिवस और जागरूकता अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हर साल 7 मार्च को जन औषधि दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनकी उपयोगिता को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना है। इस वर्ष भी 1 से 7 मार्च तक जन औषधि सप्ताह के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
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500 जन औषधि केंद्रों पर स्वास्थ्य शिविर
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अनुसार, जन औषधि सप्ताह के दूसरे दिन ‘जन औषधि – विरासत के साथ’ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके तहत देशभर के 25 विरासत स्थलों पर हेरिटेज वॉक आयोजित की गई। साथ ही, 500 जन औषधि केंद्रों पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया, जहां बीपी, शुगर जांच और मुफ्त परामर्श जैसी सेवाएं दी गईं।
जन औषधि केंद्रों की बिक्री में उछाल
किफायती दवाइयों की वजह से जन औषधि केंद्रों की बिक्री में पिछले 10 वर्षों में 200 गुना वृद्धि देखी गई है। इस पहल से नागरिकों को 30,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। वहीं, जन औषधि केंद्रों की संख्या में 180 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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कैसे शुरू करें जन औषधि केंद्र?
अगर आप अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो जन औषधि केंद्र कम लागत में शुरू किया जा सकता है और इससे अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया:
- सबसे पहले 5,000 रुपये का रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा करना होगा।
- इसके बाद http://janaushadhi.gov.in/ पर लॉग इन करके आवेदन करना होगा।
- आवेदन पत्र डाउनलोड करके आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड और पैन कार्ड
- दुकान का रेंट एग्रीमेंट
- ड्रग लाइसेंस
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- दुकान का क्षेत्रफल कम से कम 120 स्क्वायर फीट होना चाहिए।
- फार्मासिस्ट का लाइसेंस अनिवार्य है।
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए पात्रता:सरकार ने आवेदनकर्ताओं को तीन श्रेणियों में बांटा है।
- पहली श्रेणी: बेरोजगार, फार्मासिस्ट, डॉक्टर, रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर।
- दूसरी श्रेणी: ट्रस्ट, NGO, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी, सेल्फ हेल्प ग्रुप।
- तीसरी श्रेणी: राज्य सरकार द्वारा नामित एजेंसियां।
सबको मिलेंगी सस्ती दवाइयां
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है। अगर आप भी जन औषधि केंद्र खोलना चाहते हैं, तो यह एक बेहतरीन बिजनेस अवसर हो सकता है, जिससे ना सिर्फ आपकी आय बढ़ेगी बल्कि समाज को भी सस्ती और आवश्यक दवाएं मिलेंगी।
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