झारखंड (Jharkhand) के साहेबगंज में दिल्ली की श्रद्धा वॉकर हत्याकांड जैसा ही मामला सामने आया है। यहां आदिम जनजाति की 22 वर्षीय रिबिका पहाड़िया (Ribika Pahadiya) नाम की एक महिला की हत्या कर उसके शव के टुकड़े अलग-अलग जगह फेंके गए। शव के टुकड़ों को कुत्ते निवाला बना रहे थे। इस खौफनाक कत्ल की वारदात को अंजाम देने वाले दिलदार अंसारी (Dildar Ansari) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
रिबिका के शव के 18 टुकड़े बरामद
यह घटना 17 दिसंबर 2022 की है। इस मामले की जांच अब एसआईटी करेगी। वहीं, संथल के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने इस मुद्दे पर बताया कि आरोपित ने मृतिका के शव को 18 टुकड़ों में काटा था। जहाँ तक सवाल है कि घटना में कौन शामिल था, तो इसकी जाँच की जा रही है। पुलिस ने अब तक रिबिका के शव के 18 टुकड़े बरामद किए हैं।
The deceased was chopped off into 18 pieces. As far as the question as to who was involved as the accused, the investigation is going on: Sudarshan Prasad Mandal, DIG Santhal on woman murdered and chopped off in Sahibganj, Jharkhand pic.twitter.com/YJG5qACTmC
— ANI (@ANI) December 18, 2022
वहीं, रिबिका का सिर और कुछ अंग नहीं मिले हैं। सिर को भी कई टुकड़ों में काटा गया है, क्योंकि उसका जबड़ा अलग मिला है। शव के टुकड़ों का डीएनए टेस्ट भी पुलिस कराएगी। वैज्ञानिक और तकनीकी पहलुओं से गहन जांच पर जोर दिया जाएगा। साहिबगंज एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा के नेतृत्व में एसआईटी की टीम बनाई गई है। आरोपी पति दिलदार अंसारी, उसकी मां मरियम खातून, मामा मैनुल हक, भाई महताब अंसारी, बहन सरेजा खातून समेत कुल 9 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
आरोपी ने मां-मामा के साथ मिलकर किए शव के 50 टुकड़े
शातिर दिलदार अंसारी ने हत्याकांड को अंजाम देने के बाद पुलिस में रिबिका की गुमशुदगी की शिकायत की। यही नहीं, उसने घरवालों को भी रिबिका के लापता होने की जानकारी दी, लेकिन शव के टुकड़े मिलने के बाद जब पुलिस ने सख्ती की तो उसने सारा सच उगल दिया। दिलदार अंसारी ने कबूला की उसने मां और मामा के साथ मिलकर रिबिका की हत्या की और शव के 50 टुकड़े करके फेंक दिये।
धर्मांतरण का दबाव बना रहा था आरोपी
रिबिका की बहन शीला पहाड़िया ने बताया कि बोरियो बेल टोला निवासी दिलदार पेशे से कबाड़ी है। पिता सुरजा पहाड़िया और मां चांदी पहाड़िया इस रिश्ते का विरोध करते थे। एक महीने पहले दोनों घर से भाग कर थाना पहुंचे, जहां पुलिस ने उनकी शादी करा दी। शादी के बाद से ही दिलदार और उसके परिवार के सदस्य उस पर धर्म बदलने का दबाव डाल रहे थे। मारपीट करते थे। जब रिबिका नहीं मानी तो उसकी नृशंस हत्या कर दी।
रिबिका आदिम पहाड़िया जनजाति से थी, जबकि उसका पति दिलदार अंसारी मुस्लिम है। दोनों ने एक महीने पहले लव मैरिज की थी। दो साल से दोनों रिलेशनशिप में थे। दिलदार की ये दूसरी शादी थी। पहली पत्नी भी साथ ही रहती है, शादी के बाद से ही घर में रोजाना झगड़े होते थे।
डीआईजी बोले- सबूत मिटाने के लिए किए शव के टुकड़े
मामले में डीआईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी यह कहा था कि यह शव के टुकड़े साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से किए गये हैं। ऐसे में जरूरी है कि एसआईटी वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्य जुटाने के लिए एफएसएल टीम का सहयोग ले। इसके लिए आदेश दिए गए हैं। इस मामले में सारे सबूत इकट्ठा कर पुलिस जल्द से जल्द से इसे कोर्ट के सामने रखना चाहती है ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा हो सके। मामले की स्पीडी ट्रायल की तैयारी है।
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