हैदराबाद (Hyderabad) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें खुद को पत्रकार (Journalist) बताते हुए मोहम्मद अली (Mohammad Ali) नामक शख्स ने एआईएमआईएम विधायक के ड्राइवर पर खुद और अपने परिजनों पर हमला करने का आरोप लगाया है। विधायक का नाम मुमताज अहमद है, जो चारमीनार विधानसभा से चुनाव जीते हैं। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
वायरल वीडियो में युवक मोहम्मद अली अपना परिचय एचएस न्यूज चैनल के कैमरामैन के तौर पर दे रहा है। उसका कहना है कि उसने पानी सप्लाई में समस्या का एक वीडियो बनाया था, जिसके बाद एआईएमआईएम पार्टी के विधायक के ड्राइवर ने बुरी तरह पीटा। वीडियो में पीड़ित के पिता भी घायल दिखाई दे रहे हैं। पीड़ित ने कहा कि वह एक ईमानदार पत्रकार है और इस पेश को बदनाम नहीं कर सकता।
दिल्ली के मीडिया के डार्लिंग @asadowaisi के विधायक ने शहर में पानी की कमी की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार कैमरामैन को मार मार कर खून से लथपथ कर दिया।
कोई सवाल नहीं पूछेगा ओवैसी से ? कोई मीडिया संस्थान प्रस्ताव पारित नहीं करेगा इसके विरोध में। pic.twitter.com/pL9jg4YJte— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) June 23, 2022
वीडियो में पीड़ित कहता है कि असद साहब (असदुद्दीन ओवैसी) हदीस-ए-रसूल से सुन लीजिए कि जुल्म सहना और करना दोनों गुनाह है। नबी फरमाते हैं कि जालिम जहन्नुम में जाएंगे। आपका नामक लेकर जफर हम पर जुल्म कर रहा है। वो हमें झूठे केसों में बुक करवाता है और मारता भी है। मौत तो सबको आनी है। मैं मरने से नहीं डरता। पुलिस वाले उसके ऊपर केस बुक करने के बजाय मुझे धमका रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घायलों का इलाज उस्मानिया अस्पताल में चल रहा है। पीड़ित मोहम्मद अली तालाब कट्टा खान नगर के निवासी हैं। उन्होंने खान नगर इलाके में रमज़ान के महीने में पानी सप्लाई की शिकायत पर रिपोर्टिंग की थी। उस रिपोर्ट में कई महिलाओं के भी बयान दर्ज किए थे। आरोप है कि इसी बात से नाराज हो कर एआईएमआईएम कार्यकर्ताओ ने उन पर हमला किया। इस हमले में मोहम्मद अली के हाथ और नाक की हड्डी में चोटें आईं हैं। इसी हमले में मोहम्मद अली के अब्बा मोहम्मद अहमद पर भी धारदार हथियार से हमला हुआ है।
पीड़ित ने बताया कि मुझ पर हमले का आरोपित रफीक नाम का एक पुलिस मुखबिर है। रफीक का एक भाई जफर है जो विधायक मुमताज का ड्राइवर है। हमें इनके पूरे परिवार ने मिल कर पुलिस के आगे ही मारा है। हमले में महिलाएँ भी शामिल थीं। लेकिन विधायक के चलते ही मेरे केस को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है। यहाँ तक कि पुलिस वाले हमलावरों के ही पक्ष में बातें कर रहे हैं। मेरे अब्बा की हालत सीरियस है। मुझे जबरदस्ती अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
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